Janmashtami 2025 : इस साल जन्माष्टमी का पर्व भक्तों के लिए और भी विशेष होने जा रहा है, क्योंकि इस बार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर तीन शुभ नक्षत्र और दो अद्भुत योग एक साथ बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी, जबकि अष्टमी तिथि 15 अगस्त की रात 11:48 बजे से शुरू होकर 16 अगस्त को पूरे दिन रहेगी।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को होने के कारण 15 अगस्त की रात को जन्मोत्सव मनाना शुभ रहेगा, वहीं उदया तिथि के कारण 16 अगस्त को भी पर्व का महत्व बना रहेगा।
जन्माष्टमी पर बनने वाले विशेष योग
अमृत सिद्धि योग – इसमें पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग – इसे सभी कार्यों की सफलता के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए शुभ कार्य का फल निश्चित रूप से मिलता है।
तीन शुभ नक्षत्रों का संयोग
- रोहिणी नक्षत्र – भगवान कृष्ण का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था। इसमें पूजा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- भरणी नक्षत्र – जीवन में सुख और समृद्धि लाने वाला नक्षत्र।
- कृतिका नक्षत्र – शांति और स्थिरता प्रदान करने वाला नक्षत्र।
महत्व और लाभ
इन शुभ योगों और नक्षत्रों में जन्माष्टमी मनाने से पूजा-पाठ, व्रत और दान का फल कई गुना बढ़ जाता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ इस दिन पूजा करने से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि जीवन की बाधाएं भी दूर होती हैं।