महासमुंद- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संत, निःस्पृह पूज्य यति श्री यतनलाल जी म.सा. की 49वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 4 अगस्त को स्थानीय जैन समाज ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हर्षोल्लास के साथ किया । परम पूज्य विवेकसागर जी एवं शासनरत्नसागर जी मसा की पावन निश्रा में वल्लभ भवन जैन मंदिर में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया । सर्वप्रथम मंगलाचरण एवं पूज्य यति जी की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुवात की गई । फिर जैन श्री संघ के वरिष्ठ सदस्य शरद मालू एवं पारस चोपड़ा ने पूज्य यतनलाल जी का जीवन परिचय विस्तृत रूप से दिया । तत्पश्चात अशोक बरडिया, याशिका चोपड़ा, लाव्या चोपड़ा, हेमंत झाबक, देवराज लुनिया एवं ललिता बरडिया ने गीत एवं शब्दों के माध्यम से यति श्री यतनलाल जी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया । अंत में पूज्य श्री विवेकसागर जी मसा ने यति श्री यतनलाल जी के बारे में बताते हुए कहा कि यतनलाल जी की महासमुंद संघ के ऊपर बहुत कृपा रही है । उनके जीवन के बारे में सिर्फ़ जानना ही नहीं अपितु जीना भी होगा, और यही वास्तविक श्रद्धांजलि होगी । पूज्य यति जी ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सारा जीवन न्योछावर कर दिया । महात्मा गांधी जी और जवाहरलाल नेहरू जी से उनका घनिष्ठ संबंध था । पारस चोपड़ा ने बताया की देश के आज़ाद होने के बाद यति जी को कांग्रेस सरकार ने सांसद की टिकट का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने यह कहकर ठुकरा दिया था कि देश आज़ाद हो चुका है मेरा काम हो गया है । अब मैं सिर्फ जनसेवा का कार्य करूँगा । साल 1960 के दशक में यति जी ने रायपुर को छोड़कर महासमुंद को अपनी कर्मभूमि बना लिया और यहाँ श्री विवेक वर्धन सेवा आश्रम की स्थापना की । यति जी का निर्वाण 4 अगस्त 1976 को मुंबई के हॉस्पिटल में हुआ । मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री श्यामाचरण जी जब उनकी समाधि में आये थे तो उनका वक्तव्य था कि, यहाँ आकर ऐसा लगता है जैसे किसी तीर्थ का दर्शन हो गया । छत्तीसगढ़ सरकार यति यतनलाल जी के नाम से अहिंसा पुरस्कार भी प्रत्येक वर्ष प्रदान करती है । पूज्य यति जी द्वारा आश्रम परिसर में दमा की दवा दी जाती थी, जो आज भी अनवरत शरद पूर्णिमा के दिन आश्रम में प्रदान की जाती है । इस अवसर पर जतन सेवा संस्थान द्वारा दिव्यांगों को कृत्रिम पैर प्रदान किया गया । हितग्राहियों को पूज्य विवेकसागर जी ने मांसाहार और शराब त्याग करने का शपथ दिया । शाश्वत सेवा ग्रुप द्वारा यति यतनलाल जी की जीवनी पर आधारित पुस्तक का पूज्य विवेकसागर जी मसा की निश्रा में वरिष्ठजनों के हाथों विमोचन कराया गया । विवेक वर्धन सेवा आश्रम ट्रस्ट द्वारा आज हर्बल चिकित्सा शिविर का आयोजन मेघ भवन में किया गया जिसमे रायपुर से पधारे नाड़ी वैद्य पारस जी चोपड़ा ने अपनी सेवायें दी । आश्रम ट्रस्ट द्वारा शाम को यति जी की समाधि के समक्ष भक्ति आयोजित की, जिसने सभी में संगीत के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । उक्त जानकारी जैन संघ के सचिव सिए रितेश गोलछा एवं ललिता बरडिया ने संयुक्त रूप से दी ।
अजमेर से कलश यात्रा महासमुंद पहुँची
3 अगस्त रविवार को अजमेर दाड़ाबाडी के जीर्णोद्धार के लिए अजमेर से निकली कलश यात्रा महासमुंद पहुंची । जिसे श्री शांतिनाथ भवन से जैन मंदिर तक गाजे बाजे के साथ लाया गया और बधा कर वल्लभ भवन में विराजित किया गया । श्रावक श्राविकाओं ने बढ़ चढ़कर उसमें सोना चाँदी अर्पण किया, जोकि अजमेर दाड़ाबाडी के जीर्णोद्धार में उपयोग में लाई जाएगी । रायपुर से पधारे जीर्णोद्धार समिति के सदस्य सुपारस गोलछा ने अजमेर में होने वाले निर्माण को चलचित्र के माध्यम से लोगों के समक्ष रखा । संघ के सचिव रितेश गोलछा ने बताया कि अपने द्रव्य का सदुपयोग करने के लिए यह एक अच्छा अवसर है । यदि किसी को अपने धन का उपयोग अजमेर में निर्माणाधीन दादाबाडी के लिए करना है तो वो एक निर्धारित राशि देकर कूपन प्राप्त कर सकते हैं । कलश भराने के बाद शाश्वत सेवा ग्रुप द्वारा यति श्री यतनलाल जी की जीवनी पर आधारित एक मनमोहक नाट्य प्रस्तुत किया गया । इस नाट्य में गांधी, नेहरू सहित महासमुंद के सेठ हनुतमल पीचा, भिखमचंद मालू आदि का किरदार बख़ूबी निभाया गया । इस कार्यक्रम की रचना श्रीमती ललिता बरडीया द्वारा की गई एवं मंच संचालन कुमारी रेखा कोचर और रिया गोलछा ने किया । यति यतनलाल जी की मुख्य भूमिका में कुशल चोपड़ा ने शानदार अभिनय किया ।