रायपुर : प्रदेश में चालू खरीफ मौसम में खेती किसानी के लिए खादों की कोई कमी नहीं है। डीएपी की सीमित सप्लाई के कारण बनी कमी से निपटने के लिए प्रदेश की विष्णु देव सरकार ने पहले ही पुख्ता इंतजाम कर लिए है। सरकार ने डीएपी की कमी को भांप कर इसकी जगह एनपीके और एसएसपी खादों का भंडारण बढ़ा लिया है।
प्रदेश में इस बार एनपीके निर्धारित लक्ष्य से 172 प्रतिशत ज्यादा और एसएसपी 176 प्रतिशत ज्यादा भंडारित कर लिए गए हैं। किसानों को प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के माध्यम से खेती के लिए भरपूर खाद उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही कृषि विभाग का पूरा मैदानी अमला किसानों को खादों के उपयोग के लिए तकनीकी मार्गदर्शन देने सक्रिय है। डीएपी के बदले दूसरी खादों को मिलाकर खेतों में डालने की सलाह लगातार दी जा रही है। किसानों को इस बार नैनो यूरिया और नैनो डीएपी उपलब्ध कराने का निर्णय भी सरकार ने लिया है।
इस बीच प्रदेश में मानसून की अच्छी बारिश के बाद बोनी-रोपा के काम में तेजी आ गई हैै। प्राथमिक सहकारी समितियों में उपलब्ध खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ लग रही है। जशपुर जिले में तपकरा, कांसाबेल, चोंगरीबहार, कुनकुरी, धमतरी जिले में नगरी, मगरलोड, धमतरी सहित अन्य जिलों में भी किसान बड़ी संख्या में खाद लेने समिति में पहुंच रहें है। बालोद जिले के बघमरा गांव के किसान विमलचंद पटेल मेंढकी सहकारी समिति में खाद लेने पहुंचे उन्होंने बताया कि चार एकड़ रकबे में धान की खेती के लिए समिति से खाद ली है। समिति में खाद बीज की कोई कमी नहीं है। किसानों को अपनी जरूरत के अनुसार आसानी से खाद मिल रही है। किसान समय पर बोनी रोपा का काम बिना किसी बाधा के कर रहें हैै।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ज्यादा मात्रा में खादों का भंडारण
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ज्यादा मात्रा में खादों का भंडारण किया गया है। डीएपी के विकल्प के रूप में उपयोग करने के लिए एनपीके खाद का लक्ष्य पिछले वर्ष की तुलना में 407 प्रतिशत बढ़ाया गया है। इसी तरह एसएसपी 176 प्रतिशत, पोटास 304 प्रतिशत तथा यूरिया 109 प्रतिशत अधिक भंडारित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। चालू खरीफ मौसम के शुरूआत में ही निर्धारित लक्ष्य में से अब तक 78 प्रतिशत यूरिया, 74 प्रतिशत पोटास, 72 प्रतिशत एसएसपी, और 38 प्रतिशत एनपीके का भंडारण समितियों में किया जा चुका है। भंडारित खादों में से अभी तक 70 प्रतिशत एनपीके, 67 प्रतिशत यूरिया, 56 प्रतिशत पोटास और लगभग 50 प्रतिशत एसएसपी का उठाव भी किसानो से समितियों से कर लिया है।
मुख्यमंत्री बोले- खाद के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं, किसानों को भरपूर खाद मिलेगी
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे-एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव के अनुरूप किसान डीएपी के बदले उक्त उर्वरकों का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सोसायटियों से किसानों को उनकी डिमांड के अनुसार खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इस पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
लक्ष्य संशोधित, अब 14.62 लाख मेट्रिक टन की जगह 17.18 लाख मेट्रिक टन खाद मिलेगी-
चालू खरीफ सीजन में 14.62 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य कृषि विभाग द्वारा निर्धारित किया गया था, जिसमें यूरिया 7.12 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 3.10 लाख मेट्रिक टन, एनपीके 1.80 लाख मेट्रिक टन, एमओपी 60 हजार मेट्रिक टन, एसएसपी 2 लाख मेट्रिक टन शामिल था। डीएपी के कमी को देखते हुए कृषि विभाग ने इस लक्ष्य को संशोधित किया है। डीएपी की आपूर्ति की कमी चलते इसके लक्ष्य को 3.10 लाख मेट्रिक टन से कमकर 1.03 लाख मेट्रिक टन किया गया है, जबकि एनपीके के 1.80 लाख मेट्रिक टन के लक्ष्य को 172 प्रतिशत बढ़ाकर 4.90 लाख मेट्रिक टन और एसएसपी के 2 लाख मेट्रिक टन को 176 प्रतिशत बढ़ाकर 3.53 लाख मेट्रिक टन कर दिया गया है। यूरिया और एमओपी के पूर्व निर्धारित लक्ष्य को यथावत् रखा गया है। इस संशोधित लक्ष्य के चलते रासायनिक उर्वरकों के वितरण की मात्रा 14.62 लाख मेट्रिक टन से बढ़कर अब 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गई है।