हर गली-मोहल्ले में जमा पानी अब केवल असुविधा नहीं, बल्कि गंभीर बीमारी डेंगू के खतरे का संकेत भी है। डेंगू फैलाने वाला एडीस एजिप्टी मच्छर खासकर बरसात में तेजी से पनपता है और सुबह-शाम के समय सबसे ज्यादा सक्रिय होता है। यही वजह है कि इन दिनों डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
डेंगू का वायरस: कितना खतरनाक है ये संक्रमण?
डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो संक्रमित मादा मच्छर के काटने से होता है। यह केवल बुखार नहीं लाता, बल्कि किडनी, लिवर, लंग्स और दिल जैसे आंतरिक अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। यदि समय रहते इलाज न मिले, तो यह जानलेवा भी बन सकता है।
चौंकाने वाले आंकड़े: WHO और भारत की स्थिति
WHO के अनुसार हर साल दुनियाभर में 10 से 40 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं और लगभग 21,000 मौतें दर्ज होती हैं।
भारत में NCVBDC की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में 2,33,519 डेंगू केस सामने आए, जिनमें 297 लोगों की मौत हुई।
बारिश में क्यों बढ़ता है डेंगू का खतरा?
- कूलर
- गमले
- छतों पर जमा पानी
- पुराने टायर
कैसे पहचानें डेंगू फैलाने वाले मच्छर को?
- एडीस एजिप्टी मच्छर काले और सफेद धारियों वाले होते हैं।
- ये आमतौर पर सुबह और शाम के समय काटते हैं।
- ज्यादा ऊंचाई पर नहीं उड़ते, जमीन के आसपास रहते हैं।
डेंगू के 10 गंभीर लक्षण — इनको नजरअंदाज न करें:
- अचानक तेज बुखार
- सिरदर्द
- आंखों में दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- त्वचा पर चकत्ते (Rashes)
- कमजोरी और थकावट
- मितली या उल्टी
- भूख कम लगना
- प्लेटलेट्स की कमी
- सांस लेने में तकलीफ
- सावधानी ही सुरक्षा हैडेंगू से बचाव के लिए:
- पानी जमा न होने दें
- मच्छरदानी और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें
- पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें
- बुखार आने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
आपका स्वास्थ्य, आपकी जिम्मेदारी है। सावधानी बरतें और दूसरों को भी सतर्क करें।