रायपुर। जीएसटी विभाग ने गुरुवार को राजनांदगांव स्थित फेनी इंटरप्राइजेस के गोदाम पर बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 4,500 लीटर बेस ऑइल जब्त किया है। आरोप है कि यह फर्म डीजल के नाम पर फर्जी इनवॉइसिंग कर करोड़ों रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हासिल कर रही थी। प्रारंभिक जांच में यह गड़बड़ी करीब 10 करोड़ रुपये तक की पाई गई है।
फर्जी बिक्री से 14 करोड़ रुपये के कर नुकसान की आशंका
सूत्रों के अनुसार, फेनी इंटरप्राइजेस ने डीजल की वास्तविक बिक्री किए बिना भारी मात्रा में बेस ऑइल की इनवॉइसिंग की थी। जबकि डीजल पर 23% वैट टैक्स लागू होता है, इस तरह की गड़बड़ी से राजस्व को लगभग 14 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है। इसी आधार पर जीएसटी विभाग ने राजनांदगांव में कंपनी के ठिकाने पर छापा मारा।
4500 लीटर ऑइल जब्त, नौ बड़े ड्रमों में भरा था माल
छापेमारी के दौरान टीम को मौके पर नौ बड़े ड्रमों में भरा 4,500 लीटर बेस ऑइल मिला, जिसे जब्त कर लिया गया है। विभाग को संदेह है कि इस तरल पदार्थ को डीजल के रूप में बाजार में खपाया जा रहा था, ताकि उच्च दर वाले टैक्स से बचा जा सके।
मालिक नागपुर में, जल्द होगी पूछताछ
जांच में सामने आया है कि फेनी इंटरप्राइजेस का मालिक नागपुर में रह रहा है। विभाग जल्द ही मालिक को नोटिस जारी कर पूछताछ करेगा। साथ ही, फर्म से जुड़े बैंकिंग लेनदेन और जीएसटी दस्तावेजों की विस्तृत जांच भी शुरू कर दी गई है।
अधिकारियों की निगरानी जारी
जीएसटी विभाग इस पूरे नेटवर्क की परतें खोलने की कोशिश में जुटा है और माना जा रहा है कि यह कर चोरी का एक बड़ा संगठित रैकेट हो सकता है। आने वाले दिनों में और ठिकानों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।