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कई देशों के साथ व्यापार समझौतों को लेकर भारत की पहल तेज़, एफटीए से खुलेंगे अरबों डॉलर के अवसर: पीयूष गोयल

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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारत विभिन्न देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सक्रिय वार्ता कर रहा है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के साथ ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे दोनों देशों के लिए अरबों डॉलर के व्यापार अवसर खुलेंगे।


गोयल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “न्यूजीलैंड, ओमान, चिली, पेरू और यूरोपीय संघ के साथ भी व्यापार समझौतों को लेकर गंभीर और रचनात्मक चर्चा चल रही है। अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर भी लगातार वार्ता हो रही है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि इन सभी वार्ताओं से सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

1 अक्टूबर से लागू होगा भारत-EFTA TEPA

केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुआ व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (TEPA) आधिकारिक रूप से 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। इस समझौते से भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

अमेरिका के साथ BTA वार्ता के 5 राउंड पूरे

गोयल ने बताया कि भारत और अमेरिका की टीमों ने वाशिंगटन डीसी में द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के पांचवें दौर की वार्ता पूरी कर ली है, और वार्ताएं प्रगति पर हैं।

भारत-यूके सीईटीए को बताया ‘ऐतिहासिक छलांग’

उन्होंने भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) को "ऐतिहासिक छलांग" करार देते हुए कहा कि यह समझौता श्रमिकों, किसानों, MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगा।

पीयूष गोयल ने कहा, “यह करघों से लेकर प्रयोगशालाओं तक महिलाओं को सशक्त करेगा, और वित्तीय पहुंच और वैश्विक एकीकरण को बेहतर बनाएगा।”

कृषि और समुद्री उत्पादों को मिलेगा बड़ा लाभ

इस समझौते के तहत लगभग 95% भारतीय कृषि उत्पादों को ब्रिटेन में शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त होगी। वहीं 99% समुद्री उत्पादों पर शून्य शुल्क लागू होगा, जिससे मछुआरों और निर्यातकों को सीधा लाभ मिलेगा।

स्टार्टअप्स और नवाचार को मिलेगा प्रोत्साहन

गोयल ने कहा कि यह समझौता भारतीय स्टार्टअप्स को ब्रिटिश निवेशकों और इनोवेशन हब्स तक पहुंच प्रदान करेगा, जिससे उनकी वैश्विक उपस्थिति मजबूत होगी।

समावेशी और लैंगिक समानता पर जोर

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह व्यापार समझौता समावेशी विकास और लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है, जिससे नीचे से ऊपर तक एक लचीली और सशक्त अर्थव्यवस्था का निर्माण संभव हो सकेगा।

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