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महासमुंद में शिक्षा न्याय आंदोलन के तीसरे चरण में डीईओ कार्यालय का घेराव, युक्तियुक्तकरण और स्कूल बंदी के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

महासमुंद। छत्तीसगढ़ में शिक्षा न्याय आंदोलन के तीसरे चरण के तहत महासमुंद जिले में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय का घेराव किया गया। यह आंदोलन शिक्षकों की पद कटौती, स्कूलों के जबरन विलय और युक्तियुक्तकरण के विरोध में आयोजित किया गया।


प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सह-सचिव एवं प्रदेश सह-प्रभारी विजय जांगिड़, खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव, सरायपाली विधायक चतुरी नंद, पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल और डॉ. रश्मि चंद्राकर ने किया। इस दौरान जिला प्रशासन को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

मुख्य आरोप और मांगें:

युक्तियुक्तकरण को रोजगार और शिक्षा विरोधी बताते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इससे प्रदेश में 45,000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे।

सरकार ने अब तक 10,463 स्कूलों को बंद कर दिया है, जिससे आदिवासी अंचलों, विशेषकर बस्तर, सरगुजा और जशपुर में बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी।

नया सेटअप लागू कर के शिक्षकों की न्यूनतम पद संख्या में कटौती की जा रही है जिससे भविष्य में भर्तियों के अवसर खत्म हो जाएंगे।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि यह पूरा निर्णय एक राजनीतिक षड्यंत्र है, जिससे सरकारी स्कूलों को कमजोर कर प्राइवेट शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।

जमीनी प्रभाव:

स्कूलों के विलय से जुड़े हजारों रसोईया, स्वीपर और महिला स्व-सहायता समूहों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है।

शिक्षकों की घटती संख्या के बीच उन पर 18 विषयों की पढ़ाई, मध्यान्ह भोजन, प्रशासनिक कार्यों सहित कई जिम्मेदारियाँ थोप दी गई हैं, जो व्यावहारिक नहीं है।

स्कूलों के बंद होने से छात्रों का ड्रॉपआउट रेट बढ़ने की आशंका है, विशेषकर दूरस्थ क्षेत्रों में।

आंकड़ों की नजर से:

58,000 से अधिक शिक्षकों के पद प्रदेश में खाली हैं, हर माह सैकड़ों शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन नई भर्तियाँ नहीं हो रहीं।

सरकार ने विधानसभा में 35,000 पद भरने का वादा किया था, बजट में 20,000 पदों की भर्ती की बात कही, लेकिन युक्तियुक्तकरण के जरिए 45,000 पद समाप्त किए जा रहे हैं।

विजय जांगिड़ का बयान:

"भाजपा सरकार की मंशा गरीबों को शिक्षा से वंचित करने की है। शिक्षकों की हड़ताल को रोकने की बजाय सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही है। यह पूरी नीति शिक्षा और रोजगार विरोधी है।"

भारी जनसमर्थन:

इस प्रदर्शन में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि, युवक कांग्रेस, NSUI, महिला कांग्रेस एवं पालक संघों के सदस्य शामिल हुए। जिला, ब्लॉक, नगर और जनपद स्तर के नेताओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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