रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रायपुर ज़ोनल कार्यालय ने सोना तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सचिन केदार और पुरुषोत्तम कावले की लगभग ₹3.76 करोड़ मूल्य की चल-अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। कुर्क की गई संपत्तियों में बैंक बैलेंस, फ्लैट और ज़मीन शामिल हैं।
ईडी के अनुसार, यह कार्रवाई PMMLA, 2002 के तहत की गई है और यह एक संगठित सोना तस्करी नेटवर्क की जांच का हिस्सा है, जिसके जरिए बांग्लादेश-भारत सीमा के रास्ते लाया गया विदेशी सोना रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, नागपुर और मुंबई तक खपाया जाता था।
अब तक कुल 64.14 करोड़ की संपत्ति जब्त
ईडी की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, अब तक इस मामले में कुल ₹64.14 करोड़ की संपत्तियाँ जब्त की जा चुकी हैं। मामले में ईडी का कहना है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का तस्करी नेटवर्क है, जो मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अवैध कमाई को वैध रूप देने की कोशिश कर रहा था।
दिल्ली ईडी का एक्शन: 34.12 करोड़ की संपत्ति जब्त
इसी नेटवर्क से जुड़ी कार्रवाई में, ईडी मुख्यालय, नई दिल्ली ने भी हर्षवर्दिनी रान्या उर्फ रान्या राव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ₹34.12 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। रान्या पर अंतरराष्ट्रीय सोने की तस्करी और उसकी आय को वैध बनाने (मनी लॉन्ड्रिंग) का आरोप है।
मामला कैसे सामने आया
यह मामला अप्रैल 2021 में तब उजागर हुआ जब डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने कोलकाता एयरपोर्ट पर दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। उनके शरीर में बंधी बेल्ट से विदेशी सोना बरामद हुआ था। पूछताछ में पता चला कि यह सोना रायपुर के विजय बैद उर्फ विक्की के लिए मंगवाया गया था। इसी आधार पर डीआरआई द्वारा सीमा शुल्क अधिनियम 1962 की धारा 135 के तहत मामला दर्ज कर ईडी को अभियोजन शिकायत सौंपी गई।
इसके बाद ईडी ने पीएमएलए, 2002 के अंतर्गत जांच शुरू की और इस तस्करी सिंडिकेट के धन प्रवाह का पता लगाते हुए कुर्की की यह कार्रवाई की।