रायपुर। छत्तीसगढ़ में पशु मांस और हड्डियों की अवैध तस्करी पर सरकार अब सख्त रुख अपनाने जा रही है। राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों में लिप्त व्यक्तियों और संगठनों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में वन्यजीव संरक्षण और पशु कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट है, और किसी भी तरह की तस्करी की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
मंत्री कश्यप ने बताया कि हाल ही में बिलासपुर प्रवास के दौरान उन्हें कछुए की तस्करी की जानकारी मिली थी, जिस पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अवैध रूप से पशु अंगों और मांस की खरीद-फरोख्त न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी गंभीर मामला है।
इसी बीच, राज्य सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना की शुरुआत की है। इस योजना का शुभारंभ पायलट प्रोजेक्ट के रूप में छह जिलों में किया गया है, जिसकी पहली कड़ी कोंडागांव जिले से शुरू हुई है। योजना के तहत ग्रामीणों को दुधारू गायें प्रदान की जा रही हैं, जिससे न केवल दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण परिवारों की आमदनी और आत्मनिर्भरता में भी इजाफा होगा।
मंत्री कश्यप ने जानकारी दी कि यह योजना 16 दिसंबर 2023 को केंद्रीय सहकारिता मंत्री की उपस्थिति में हस्ताक्षरित एमओयू के तहत प्रारंभ की गई थी। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना और पशुपालन को ग्रामीण आजीविका का मजबूत आधार बनाना है।
बस्तर संभाग के कांकेर और कोंडागांव जिलों में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि गुजरात समेत अन्य राज्यों में इस तरह की योजनाओं से ग्रामीणों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार भी अब उसी दिशा में आगे बढ़ रही है, ताकि पशुपालन के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।