Amarnath Yatra 2025 : जम्मू के सरस्वती धाम में अमरनाथ यात्रा के लिए टिकट काउंटर शुरू हुए, जिसमें 6-6 काउंटर पहलगाम और बालटाल रूट के लिए हैं। रोजाना प्रत्येक रूट के लिए 1,000 टिकट उपलब्ध हैं। वॉटरप्रूफ वेटिंग रूम की व्यवस्था की गई है। एसडीएम मनु हंसा ने बताया कि टिकट कोटा भीड़ के आधार पर तय होता है। 13 वर्ष से कम और 70 वर्ष से अधिक उम्र वालों को यात्रा की अनुमति नहीं है। श्रद्धालुओं में उत्साह है, और वे भारतीय सेना पर भरोसा जताते हुए बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए तैयार हैं। यात्रा की तैयारी के लिए जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर ड्राई रन भी किया गया।
जम्मू साउथ, एसडीएम मनु हंसा ने बताया कि टिकट काउंटर के अलावा दो वेटिंग एरिया बनाए हैं, जिसमें एक पहलगाम और दूसरा बालटाल रूट पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बनाया है। यहां यही एकमात्र टिकट काउंटर है, जहां से श्रद्धालुओं को टिकट दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड की तरफ से टिकट की संख्या तय होती है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए टिकट का कोटा जारी किया जाता है।
यात्रा में भाग लेने को लेकर आयु संबंधी कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। एसडीएम के मुताबिक, इस साल 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ये निर्णय उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिला
देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने बातचीत में कहा कि, “हाल ही में पहलगाम में हुई घटना चिंता का विषय रही, लेकिन उन्हें भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है।” उनका कहना है कि वो बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए कभी रुके नहीं हैं और न ही भविष्य में रुकेंगे। उन्होंने सभी देशवासियों से आग्रह किया कि वो इस पावन यात्रा में भाग लें और श्रद्धा के साथ जुड़ें।
यात्रा की तैयारियों को परखने के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक ड्राई रन आयोजित किया गया
इससे पहले, यात्रा की तैयारियों को परखने के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक ड्राई रन आयोजित किया गया। इसके लिए एक काफिला जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुआ, जिसमें तीर्थयात्रियों और जरूरी वस्तुएं ले जाने वाले वाहन शामिल थे। इस अभ्यास में सुरक्षाबलों और मेडिकल टीमों ने भी भाग लिया। इसका उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में यात्रा को सुरक्षित, व्यवस्थित और सुगम बनाना था।