Waqf Bill in Rajya Sabha : लोकसभा में लंबी बहस और मतदान के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित कर दिया गया था। अब यह विधेयक राज्यसभा में पहुंच गया है, जहां आज गुरुवार, 3 अप्रैल 2025 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे पेश किया। लोकसभा में यह विधेयक 12 घंटे से अधिक चली चर्चा के बाद 288 के मुकाबले 232 मतों से पारित हुआ था। अब राज्यसभा में भी इस पर तीखी बहस की उम्मीद है, क्योंकि विपक्षी दलों ने इसे "असंवैधानिक" और "मुस्लिम विरोधी" करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया है।
रिजिजू ने विधेयक को पेश करते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए है, न कि किसी समुदाय के खिलाफ। उन्होंने दावा किया कि यह गरीब मुस्लिमों, महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए जरूरी है। विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने, संपत्तियों के डिजिटल रजिस्ट्रेशन और विवादित संपत्तियों के मालिकाना हक का फैसला कलेक्टर द्वारा करने जैसे प्रावधान हैं, जिन पर विपक्ष ने आपत्ति जताई है।
राज्यसभा में चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। एनडीए के पास ऊपरी सदन में 125 सांसदों का समर्थन है, जो बहुमत के आंकड़े 118 से थोड़ा अधिक है। हालांकि, विपक्षी गठबंधन "इंडिया" इसे हराने की कोशिश में जुटा है। यह देखना बाकी है कि विधेयक राज्यसभा से पारित हो पाता है या नहीं।
सदन में मार्यादा बनी रहे, वक्फ बिल राज्यसभा में पेश करने के दौरान बोले रिजिजू
लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल को पेश कर दिया है. इसपर चर्चा के दौरान किरेन रिजिजू ने कहा कि इस महत्वपूर्ण विधेयक को लेकर जब मैं सदन में आया हूं, कुछ बातें रखना चाहता हूं कि सदन की मर्यादा भी बनी रहे. कमिटी बनने से पहले लोगों ने कहा कि इसका कंसलटेशन जितना होना चाहिए था उतना नहीं है. हमने देश भर में जितने स्टेकहोल्डर से, वक्फ बोर्ड के ऑफिसर, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के बाद संसद में पेश किया. जेपीसी ने जो काम किया है, इससे ज्यादा व्यापक काम आजतक नहीं हुआ है.
अलग अलग क्षेत्रों के लोगों ने अपनी बातों को रखा और 97 लाख से भी ज्यादा और छोटे पत्रों को मिलाकर एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपना ज्ञापन सौंपा है।