बया /रिकोकला . पंचायत चुनाव में युवाओं के प्रतिनिधित्व से ग्राम के विकास के मुद्दे के अनुपालन में युवा प्रतिनिधि अपने संकल्प शक्ति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। ज्ञात हो कि पूरे राज्य में ग्राम पंचायत रिकोकला एक ऐसा पंचायत है, जहां पर युवाओं द्वारा पंचायत चुनाव से पहले जनप्रतिनिधियों से शपथ सह अनुबंध किया गया। पंचायत चुनाव के पश्चात जीतकर आए जनप्रतिनिधि को अनुबंध के अनुरूप ग्राम के विकास के मुद्दे को पूरा करने के लिए बैठक आयोजित की गई। जिसमें सर्वप्रथम शराबबंदी के विषय पर सर्वसम्मति से मुहर लगा.
इस अवसर पर पंचायत के सरपंच राज दीवान सहित, उपसरपंच, पंच और ग्राम के वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे I पौनी-पसारी क़े संदर्भ में भी बैठक आयोजित थी। बैठक प्रति पांच वर्ष क़े अनुसार गाँव क़े ठाकुरदिया धाम में ठाकुरदिया भगवान व जगन्नाथ भगवान के आशीर्वाद से उनकी छैया में आयोजित हुई।
बैठक में मुख्यतः पौनी-पसारी के लिए बैठक हुई। जिसक़े अनुसार गाँव में निवासरत बैगा, कोतवाल,नाऊ और धोबी के पांच साल की व्यवस्था क़े संबंध में चर्चा हुई। चर्चा उपरांत उनकी व्यवस्था बनाई गई। जिस पर गाँव क़े सियान व कर्ता-धर्ताओं व सर्वसमाज क़े बीच हुए फैसले पर बैगा,कोतवाल, नाऊ एवं धोबी ने ग्रामीण मंशा अनुरूप अपनी सहमति प्रदान की।
गाँव की ज्वलंत व सबसे प्रमुख समस्या शराबबंदी पर चर्चा हुई। चर्चा क़े दौरान सरपंच राज कुमार दीवान, पंच और उपस्थित समस्त ग्रामीणों क़े मंशा अनुरूप शराबबंदी क़े विषय में ठोस कदम उठाते हुए गाँव में पूर्ण शराबबंदी जैसे ज्वलंत मुद्दा को प्रथम रूप से स्वीकार करते हुए उपस्थित समस्त ग्रामीणों क़े बिच इसे बंद करने कि घोषणा किया।
ज्ञात हो कि बीते कई वर्षो से गाँव में शराब की अवैध बिक्री खुलेआम हो रही थी। दबी हुई आवाज़ में ग्रामीण इसे गाँव का ज्वलंत व मुख्य मुद्दे क़े रूप में नवनिर्वाचित सरपंच क़े समक्ष बीते एक माह से रख रहे थे।जिसे सरपंच राज दीवान ने ग्रामीण विकास व बच्चों क़े भविष्य को ध्यान में रखते हुए उचित समझते हुए इसे सहर्ष स्वीकार किया ।
आज गाँव में ना केवल शराब क़े ज्वलंत मुद्दे पर अपितु स्वच्छता क़े दृश्टिकोण से अशुद्ध निकासी जल, एवं कचरा क़े संदर्भ में भी निर्णय लिया।
गाँव की गलियों में शराब पीकर गाली-गलौज करना,अशुद्ध जल का बहना, पानी का दुरूपयोग करना, तालाब में पॉलीथिन का फेंकना, अनुचित उपयोग करना,अशुद्ध रूप से जबरदस्ती कचरा फैलाना, जैसी समस्याओं क़े संदर्भ में रोक लगाने का निर्णय लिया गया।
जिसमें उपस्थित ग्रामीण जनों ने अपनी सहमति प्रदान की। और नया इतिहास व नया आयाम लिखने की ओर सरपंच ने एक और कदम आगे बढ़ाया।