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सुसाशन का आधार पारदर्शिता और समावेशिता

 छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में सुसाशन की दिशा में किए गए एक वर्ष के उत्कृष्ट कार्यों के उपलक्ष्य में “सुसाशन सप्ताह ” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने और उनके शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए एक व्यापक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं और सेवाओं की जानकारी को लोगों तक पहुँचाकर अधिक से अधिक लाभान्वित करना और जनभागीदारी के माध्यम से समाज में समृद्धि और विकास को बढ़ावा देना है।


कार्यक्रम का आयोजन

सुसाशन सप्ताह के अवसर पर बागबाहरा के खल्लारी में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में शासकीय विभागों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न शिविरों, जागरूकता सत्रों और सेवाओं के माध्यम से जनहितकारी कार्यों को प्राथमिकता दी गई।


कार्यक्रम में स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें निदान सेवा परिषद के जिला समन्वयक  कुबेर यदु ने सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने जागरूकता अभियानों के माध्यम से नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। स्वास्थ्य शिविर में अनेक लोग लाभान्वित हुए और उन्हें स्वास्थ्य जांच व मुफ्त दवाइयाँ उपलब्ध कराई गईं।

कार्यक्रम मे वक्ता सह अतिथि के रूप मे उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. सुरेश शुक्ला ने इस कार्यक्रम के दौरान समाज में जनभागीदारी की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा, “सुसाशन केवल सरकार के प्रयासों तक सीमित नहीं है; इसके लिए समाज की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है। सरकार की सभी योजनाएँ जनता के हित के लिए होती हैं, लेकिन इनका शत-प्रतिशत क्रियान्वयन तभी संभव है, जब जनता भी इसमें योगदान दे।

डॉ. शुक्ला ने बताया कि समाज में जागरूकता फैलाकर और शासकीय योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुँचाकर बेहतर प्रशासन को सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं, महिलाओं और सामाजिक संगठनों से अपील की कि वे जनसेवा में अपनी भूमिका निभाएँ और समाज के विकास में भागीदार बनें।

सरकारी विभागों की सहभागिता

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शासकीय विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उपस्थित नागरिकों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। लोगों को बताया गया कि किस प्रकार वे विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। इस अवसर पर आयुष्मान भारत योजना, किसान सम्मान निधि योजना, श्रमिक कार्ड योजना, खाद्य सुरक्षा योजना, और शिक्षा संबंधित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया।

शासकीय अधिकारियों ने योजनाओं के आवेदन की प्रक्रिया, पात्रता मानदंड और योजनाओं से मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही, कई नागरिकों को कार्यक्रम स्थल पर ही योजनाओं के लिए पंजीकरण करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई।

स्वास्थ्य और स्वच्छता पर ध्यान

कार्यक्रम में स्वास्थ्य और स्वच्छता को प्राथमिकता दी गई। स्वास्थ्य शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी स्वास्थ्य जांच कराई। इसके अलावा, जल स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा के महत्व पर भी जागरूकता सत्र आयोजित किए गए।

जनभागीदारी की आवश्यकता

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि समाज का हर व्यक्ति सुसाशन का एक अभिन्न अंग है। यदि समाज और सरकार मिलकर कार्य करें, तो विकास को एक नई दिशा दी जा सकती है।

डॉ. सुरेश शुक्ला ने कहा, “सुसाशन का आधार पारदर्शिता और समावेशिता है। जब तक समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित नहीं होगी, तब तक किसी भी योजना का पूर्ण लाभ नहीं मिलेगा। सरकार और समाज को मिलकर एक ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिसमें हर नागरिक की आवाज सुनी जा सके और उनकी समस्याओं का समाधान हो।”


कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित नागरिकों, सामाजिक संगठनों और शासकीय अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। सुसाशन दिवस का यह आयोजन न केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी देने का एक माध्यम बना, बल्कि समाज के हर वर्ग को जोड़ने और सामूहिक रूप से समाज के विकास के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करने का एक अवसर भी बना।

इस प्रकार, “जन सेवा ही प्रभु सेवा” के इस आदर्श को आत्मसात करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने सुसाशन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। यह कार्यक्रम इस बात का सजीव उदाहरण है कि जनभागीदारी के माध्यम से समाज को उन्नति के मार्ग पर ले जाया जा सकता है।

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