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सेवानिवृत्त पटवारी कौशल को पेंशन ग्रेच्युटी के लिए दफ्तरों का लगाना पड़ रहा है चक्कर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हो रही है कोई कार्यवाही

 नवापारा राजिम। कोई भी कर्मचारी सेवानिवृत होने के बाद पेंशन की राशि से आगे का जीवन आराम से व्यतीत करने को सोचता है।


लेकिन यदि सेवानिवृत्त होने के बाद उस कर्मचारी को पेंशन ग्रेच्युटी की राशि के लिए दफ्तरों का चक्कर पे चक्कर लगाना पड़े तो उस कर्मचारी की दशा कैसी होगी ? इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।


ग्राम रामपुर(चंपारण) निवासी सेवानिवृत पटवारी कौशल चंद्राकर को सेवानिवृत के 18 माह बाद भी शासन के जिम्मेदार पदों पर आसीन अधिकारियों की लापरवाही के चलते पेन्शन,ग्रेज्युटी,अन्य क्लेम व तृतीय समयमान वेतन के लाभ से वंचित है।

कौशल चंद्राकर उप तहसील फिंगेश्वर से पटवारी पद से सेवानिवृत होने के बाद अपने अधिकार के लिए हाई कोर्ट बिलासपुर का दरवाजा खटखटाना पड़ा। हाई कोर्ट द्वारा 06 मई 2024 को 03 सप्ताह के भीतर आवेदक का विषयांकित प्रकरण का निराकरण हेतु आदेश,छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के मुख्य सचिव, कलेक्टर गरियाबंद, अनुविभागीय अधिकारी ( राजस्व )राजिम, तहसीलदार राजिम जिला गरियाबंद को दिया गया था।

किंतु हाईकोर्ट के आदेश के बाद 6 माह का समय भी निकल गया।फिर भी आवेदक के पेंशन की समस्यायों पर संबंधित विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होना बहुत ही आश्चर्य व दुर्भाग्य की बात है।

ज्ञात हो कि कौशल चंद्राकर ने पेंशन,ग्रेज्युटी,अन्य क्लेम व समयमान वेतनमान का लाभ के सम्बन्ध में केंद्र व राज्य शासन, मुख्यमंत्री, मंत्रीगण,सांसद, विधायक, मुख्य व राजस्व सचिव, राज्यपाल, कमिश्नर, कलेक्टर,अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजिम को कई बार अपनी समस्या के संबंध में आवेदन देकर अवगत करा चुके हैं। साथ ही कलेक्टर जन दर्शन में भी कई बार आवेदन दे चुके हैं।

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