जॉर्जटाउन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोविड 19 संकट के दौरान उनके समर्थन और भारत डोमिनिका संबंधों को मजबूत करने की उनकी कोशिशों के लिए डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज की चर्चाओं में मैंने भारत के लोगों के प्रति उनके स्नेह और आदर को महसूस किया। भारत भी गुयाना के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार है।
दो लोकतंत्रों के रूप में हमारा सहयोग केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए नहीं बल्कि पूरे ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण है। अनेक नदियां, झरना और झीलों से समृद्ध गुयाना को 'अनेक जलों की भूमि' कहा जाता है। जिस प्रकार से गुयाना की नदियां यहां के लोगों की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं, उसी प्रकार भारत की गंगा, यमुना और ब्रह्मपुत्र जैसी महान नदियां हमारी प्राचीन सभ्यता का जन्म स्थल रही है... भारत और गुयाना के बीच समानताओं के ऐसे कई उदाहरण हैं जो हमारे ऐतिहासिक संबंधों और भी गहरा करते हैं।
एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मुझे गुयाना का सर्वोच्च सम्मान द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली का हार्दिक धन्यवाद। यह भारत के 140 करोड़ लोगों के लिए है। प्रधानमंत्री मोदी ने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा कि यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा।
दरअसल प्रधानमंत्री स्केरिट ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा था कि 2021 में कोविड-19 महामारी के वक्त आपने एस्ट्राजेनेका के 70,000 टीके भेजे जिसने डोमिनिका के लोगों को नयी जिंदगी दी। स्केरिट ने कहा कि यह सम्मान एक प्रतीक से कहीं अधिक है। यह नेतृत्व की आपकी स्थायी विरासत, मानवता के प्रति आपकी प्रतिबद्धता, तथा आपकी सीमाओं से परे हमारे देश सहित अन्य देशों पर आपके द्वारा छोड़ी गई अमिट छाप को सम्मानित करने के लिए है। बारबाडोस भी प्रधानमंत्री मोदी को अपना सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान करेगा, जिससे मोदी को प्रदान किए गए अंतरराष्ट्रीय सम्मानों की संख्या 19 हो जाएगी। डोमिनिका ने कुछ दिन पहले ही मोदी को अपना सर्वोच्च पुरस्कार देने की घोषणा की थी।