Bridge Collapsed In Kanpur : आज सुबह उत्तर प्रदेश के कानपुर से उन्नाव को वाया शुक्लागंज जोड़ने वाला पुराने गंगापुल का कानपुर की ओर कोठी से जुड़ा हिस्सा ढह गया। गंगा स्नान करने पहुंचे लोगों ने जब गिरे हुए पुल के हिस्से को देखा तो अफरा तफरी मच गई । यह पुल करीब 150 साल पुराना है और अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है।
पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए करीब 2 साल पहले आवागमन पर रोक लगा दी गई थी। इस पुल में पैदल यात्रियों के चलने के लिए नीचे रास्ता बना था जबकि ऊपर गाड़ियां दौड़ती थी। कई फिल्म की शूटिंग इस पुल पर हुई है। कानपुर कनकैया नीचे बहती गंगा मैया, यह प्रसिद्ध लाइन इसी पुल को लेकर कही गई थी।
बता दें कि सन् 1875 में अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया यातायात पुल 146 वर्ष तक चलने के बाद बीती 5 अप्रैल वर्ष 2021 में रात 12:06 बजे जर्जर घोषित होने के बाद यातायात के लिए बंद कर दिया।
ऐतिहासिक धरोहर का हुआ नुकसान
बताया जाता है कि ये पुल अंग्रेजों ने 1874 में बनवाया था जिसे अवध एंड रुहेलखंड कंपनी ने बनवाया था. इस पुल के गिरने से ऐतिहासिक धरोहर का अनुकसान माना जा रहा है. इस पुल की विशेषता थी कि नीचे से गुजरने वाले लोग साइकिल या पैदल इस से पुल को पार किया करते थे लेकिन इसके ऊपर बने पुल से भारी वाहन दौड़ते हुए दिखाइए देते थे.
इस पुल को एक धरोहर की तरह संरक्षित करने पर जोर दिया गया लेकिन इसकी देखरेख और संरक्षण की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली और अब ये पुल अचानक कानपुर की ओर के हिस्से से पिलर नबर 9 और 10 देर रात अचानक ढह गया. पुल के ढहने की आवाज इतनी बुलंद थी कि आस पास के घरों तक इस पुल के गिरने की आवाज पहुंची जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसके ढहने की तस्वीर रात में ही देखी और सुबह यहां से गुजरने वाले हर किसी के लिए पुल का ढह जाना अचंभित कर रहा था.
फिलहाल प्रशासन की ओर से इस पुल के हिस्से के गिरने वाले हिस्से को गिराने का काम किया जा रहा है क्योंकि नीचे से नदी में नाव से लोग सफर भी करते हैं. अगर कोई और हिस्सा गिरा या नीचे गंगा नदी में कोई नाविक हुआ था जान पर बात बन आएगी. वहीं अब इस बात पर अधिकारी लगे हुए हैं कि क्षतिग्रस्त हुए हिस्से के अलावा बचे हुए हिस्से को कैसे संरक्षित किया जाए.