रायपुर। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज सरगुजा संभागीय मुख्यालय अंबिकापुर में संभाग के सभी नगरीय निकायों के अधिकारियों की बैठक लेकर विकास कार्यों की प्रगति और योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने अंबिकापुर कलेक्टोरेट में आयोजित बैठक में अधिकारियों को शहरों के सुनियोजित और सुव्यवस्थित विकास के लिए कार्ययोजना बनाकर उसके अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को इंजीनियर्स के साथ बेहतर तालमेल से काम करते हुए गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में सभी कार्यों को पूर्ण करने को कहा। उन्होंने विकास और जन सुविधाएं विकसित करने के कामों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और सरगुजा के कलेक्टर भोसकर विलास संदिपान भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में बताया कि सरगुजा संभाग के विभिन्न नगरीय निकायों को विकास कार्यों के लिए पिछले दस महीनों में अधोसंरचना मद में कुल 141 करोड़ 99 लाख रुपए जारी किए गए हैं। वहीं 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत 44 करोड़ 34 लाख रुपए प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि विगत दस महीनों में राज्य के नगरीय निकायों को विकास कार्यों के लिए करीब 600 करोड़ रुपए तथा 15वें वित्त आयोग मद में 1450 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
उन्होंने बैठक में पिछले माह रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में नगरीय निकायों के संचालन, कार्य पद्धति में बदलाव और कार्यालय के रखरखाव पर दिए निर्देशों पर अमल की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आयुक्त और सीएमओ अपनी जिम्मेदारी समझें और शहरों के हित में गंभीरता से कार्य करें। शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाएं। शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाएं। उन्होंने बैठक में स्थानांतरण आदेशों के पालन और जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के दौरान प्राप्त अनिराकृत आवेदनों के निराकरण की भी जानकारी ली।
उप मुख्यमंत्री साव ने बैठक में अधिकारियों को सख्ती से निर्देशित किया कि वे अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से समझें, काम में अरुचि और लापरवाही बिल्कुल अक्षम्य होगी। काम नहीं करने वालों पर कार्यवाही अवश्य ही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा निकायों के विकास के लिए पूरा सहयोग किया जा रहा है। अधिकारी उदासीन न रहें, उत्साह के साथ काम करें। काम में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने इंजीनियरों से दो टूक शब्दों में कहा कि कार्य में लेट-लतीफी न करें। फील्ड पर भी समय बिताएं और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करें। शासन द्वारा मांगी गई जानकारियों और प्रस्तावों को व्यवस्थित रूप से भेजें।