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मरीजों को रेफर करने की बतानी होगी वजह, रेफर के कारणों की होगी समीक्षा : स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल

 रायपुर । स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सोमवार को राज्य के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ), सिविल सर्जन (सीएस) और नोडल अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक में विभिन्न स्वास्थ्य सुधार और नीतियों पर चर्चा की गई, जिसमें निजी पैथोलॉजी लैब्स की नियमितता, चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस और जन औषधि केंद्रों की स्थापना प्रमुख रूप से शामिल थी।


निजी पैथोलॉजी लैब्स की सूची बनाने के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिलों के सीएमएचओ को निर्देशित किया कि एक माह के भीतर अपने जिलों में संचालित सभी निजी पैथोलॉजी लैब्स की सूची तैयार करें। साथ ही, जिन लैब्स के पास वैध दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें एक वर्ष के भीतर नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए। इसके लिए लैब्स को आयुष विश्वविद्यालय से डिप्लोमा कोर्स करने का मौका दिया जाएगा। इसके अलावा, सरकारी अस्पतालों की पैथोलॉजी सेवाओं को सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए गए।

निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों पर सख्त रुख
बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने शासकीय चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस करने के खिलाफ सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि शासकीय चिकित्सकों को नियमानुसार भत्ता दिया जा रहा है, और इसके बावजूद अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मरीजों के रेफर के कारणों की होगी समीक्षा
जायसवाल ने शासकीय अस्पतालों से अन्य अस्पतालों में रेफर किए जा रहे मरीजों की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अस्पतालों को मरीजों को रेफर करने के स्पष्ट कारण बताने होंगे, और जरूरत पड़ने पर इन कारणों की समीक्षा भी की जाएगी।

500 जन औषधि केंद्र खोलने की तैयारी
मंत्री ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि तीन माह के भीतर राज्य में 500 जन औषधि केंद्र खोलने की तैयारी पूरी की जाए। यह प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी योजना के तहत किया जाएगा, जिससे जनता को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई जा सकेंगी।

मौसमी बीमारियों पर जागरूकता फैलाने के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, और डायरिया के प्रति जागरूकता फैलाएं और इसके लिए अस्पतालों में दवाइयों और जांच किट की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें। स्वाइन फ्लू के संदर्भ में भी विशेष सतर्कता बरतने और अधिक जांच करने के निर्देश दिए गए।

इस बैठक में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, एनएचएम के एमडी जगदीश सोनकर, और सीजीएमएमसी की एमडी श्रीमती पद्मिनी भोई भी उपस्थित थीं।

 

 

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