महासमुंद : कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने आज स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्यों, विकासखंड शिक्षा अधिकारियों, विकासखंड स्त्रोत केंद्र समन्वयको की समीक्षा बैठक ली। बैठक में विगत वर्ष के कक्षा दसवीं और कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष बेहतर परिणाम के लिए चर्चा की गई। इस दौरान कलेक्टर ने औसत से कम प्रतिशत वाले शालाओं के प्राचार्य और शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले शालाओं के प्राचार्यों से चर्चा कर कमियों और खूबियों के बारे में जानकारी ली। पूरे जिले के प्राचार्य को सत्र 2024-25 में कक्षा दसवीं एवं कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम कम से कम 90 प्रतिशत लाने के लिए रणनीति बनाकर लक्ष्य दिया गया। बैठक में जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक, जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सावंत सहित शिक्षा अधिकारी और सभी स्कूलों के प्राचार्य मौजूद थे।
कलेक्टर लंगेह ने बैठक में प्राचार्यों से कहा कि वास्तव में प्रार्चाय स्कूल के धुरी होते हैं वे अपने लीडरशिप भूमिका निभाएं और स्वयं एक उदाहरण बनें। उन्होंने कहा कि जिन विषयों में कमजोर परफॉर्मेंस है उसमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। विशेषकर अंग्रेजी और गणित विषयों को लेकर शिक्षक विशेष प्रयास करे। कलेक्टर ने कहा कि बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए स्कूलों में पालकों की भागीदारी बढ़ानी होगी। हर माह कम से कम पालक शिक्षक बैठक नियमित रूप से आयोजित किया जाए। परीक्षा के पहले पालकों को परीक्षा की जानकारी दे और उन्हें घर में मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी भी देवें। कलेक्टर ने कहा कि जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहतर हो सकता था उसमें सुधार करने की रणनीति बनाएं।
कलेक्टर लंगेह ने बच्चों के नियमित टेस्ट पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों की साप्ताहिक और मासिक टेस्ट लेना सुनिश्चित करें और प्रगति पत्रक के माध्यम से उनके परिणामों की समीक्षा करते रहें। कलेक्टर ने प्राचार्यों से कहा कि सभी शिक्षक समय पर स्कूल आएं और अपना कोर्स पूरा करें। स्कूल में किसी भी तरह की नशाखोरी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जानकारी मिलने पर सीधे सस्पेंड किए जायेंगे। बैठक में परीक्षा परिणाम का पांच वर्गों के अनुसार समीक्षा की गई जिसमें 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालय जिनकी संख्या शून्य है, 30 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक परीक्षा परिणाम वाले शालाओं की संख्या 09, 60 से 90 प्रतिशत तक वाले विद्यालयों की संख्या 97 एवं 90 से अधिक 68 और शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले 14 विद्यालयों की समीक्षा की गई। ज्ञात है कि जिले में कक्षा 10वीं में 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम वाले 14 स्कूल एवं 12वीं में 20 स्कूल शामिल हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक ने कहा कि बच्चों से अधिक से अधिक संवाद करने की आवश्यकता है। प्राचार्य भी बच्चों से सीधे संवाद कर उनकी परेशानियों को समझ कर हल करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि स्कूलों में जाति प्रमाण पत्र बनाना भी आवश्यक है। इसलिए प्राचार्यगण इसे गम्भीरता से लेते हुए प्रत्येक बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कलेक्टर के मार्गदर्शन में इस सत्र में बेहतर रिजल्ट आएगा।
इस अवसर पर हाई स्कूल परसदा, मेमरा, पिथौरा, सिरबोड़ा, केजुवा, महासमुंद नयापारा, पटेवा के प्राचार्यों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ब्लूप्रिंट के आधार पर प्रश्न निर्माण कर प्रति सप्ताह मूल्यांकन करने से, तिमाही, छमाही परीक्षा को बोर्ड पैटर्न में प्रश्न पत्र निर्माण कर बच्चों से हल करने से एवं विगत 5 वर्षों के अनसॉल्वड पेपर को अच्छे से अभ्यास करने से रिजल्ट में सुधार जरूर होगा। सभी शिक्षक यदि ठान ले कि हमको बेहतर से बेहतर रिजल्ट देना है तो कोई बड़ी बात नहीं है। सभी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति के साथ-साथ बच्चों की शत् प्रतिशत उपस्थिति पर विशेष ध्यान देना शामिल था। इसके अलावा लेखन कौशल को भी अभ्यास में लाना होगा।
बैठक में जिला मिशन समन्वयक श्री कमल नारायण चंद्राकर, सहायक संचालक सतीश नायर, व श्री नंद किशोर सिन्हा सहायक संचालक, परियोजना समन्वयक श्री रेखराज शर्मा, पांचो विकासखंड के विकासखंड शिक्षा अधिकारी, विकासखंड स्त्रोत केंद्र समन्वयक, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी सहित जिले के सभी स्कूल के प्राचार्य उपस्थित थे।