Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

Teachers Day Special : शिक्षा के साथ जनसेवा में अग्रणी शिक्षक महेन्द्र, शिक्षा दान के क्षेत्र में है खास पहचान

सही मायने में शिक्षक वह है,जो समाज को सही दिशा दे सके।

आरंग । शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चरौदा में पदस्थ, नवाचारी शिक्षक महेन्द्र कुमार पटेल बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ अनेक क्षेत्रों में नवाचार किया है। उनके नवाचार से अन्य शिक्षक भी प्रेरित हो रहें हैं। आरंग में शिक्षा दान केंद्र संचालित करने की परिकल्पना कर इन्होंने निःशुल्क कोचिंग सेंटर खोलकर अनुकरणीय प्रयास किया है। महेंद्र को जानने वाले लोग उनके सामाजिक सरोकार की सर्वत्र सराहना करते हैं।

शिक्षक महेंद्र कुमार पटेल

मिल चुका है अनेक सम्मान

नवाचारी शिक्षक महेंद्र को छत्तीसगढ़ शासन ने  2016 में मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण के तहत ज्ञानदीप सम्मान से सम्मानित किया है। वर्ष 2017 में भी जिला स्तर पर पॉपुलर शिक्षक सम्मान के साथ-साथ अनेक क्षेत्रों में इन्हें विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सम्मानित किया है। इसके साथ ही मतदाता जागरूकता में उल्लेखनीय कार्य के लिए कलेक्टर से सम्मान, साहित्य व संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए लोकरंजनी व संस्कार भारती संस्था से  साहित्य रत्न सम्मान इन्हें मिल चुका है।


महेंद्र बताते हैं कि अब तक उन्होंने जन सरोकारों को लेकर पांच शॉट फिल्मों का भी निर्माण किया है।  इनमें कोरोना से जंग, पेड़ बर झगरा ,सलामत रहे हिंदुस्तान, खेती अपन सेती भाग 1 और  भाग 2 यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुई है। जिसमें खेती अपन सेती और कोरोना के जंग को लाखों लोगों ने देखा और सराहा है।


इसके अतिरिक्त स्वच्छता गीत, पौधरोपण व संरक्षण, यातायात जागरूकता, छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों पर देशभक्ति गीत, मतदाता जागरूकता पर गीत, छत्तीसगढ़ के गढ़ो पर गीत,अंग्रेजी के टेंस के स्ट्रक्चर पर गीत,पढ़ई तुंहर द्वार, खेलकूद,सहित अनेक गीतों का फिल्मांकन और एलबम निर्माण व निर्देशन कर चुके हैं।

लेखन और शोधकर्ता के रूप में पहचान

महेन्द्र एक शिक्षक के साथ- साथ कवि,लेखक व शोधकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बना रहे हैं। विभिन्न कवि सम्मेलनों में उन्होंने  कविता पाठ किया है। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में उनके समसामयिक और इतिहासपरक  लेखों का प्रकाशन होते रहता है। तीन राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेकर देशभर के विद्वानों के समक्ष वे शोध  आलेख पढ़ चुके हैं। पुरातात्विक जानकारी संग्रहित करने में भी वे हमेशा तत्पर रहते हैं।

 शिक्षा के साथ जनसेवा में सक्रिय भागीदारी 

शिक्षक पटेल, शिक्षक के साथ-साथ जनहितैषी और सामाजिक सरोकार के कार्यो में भी सदैव अग्रणी रहते हैं। उन्होंने अपने गृहग्राम लाफिनकला में लाखों रुपये की लागत से जमीन को खरीद कर निजभूमि को आम रास्ता के लिए दिया है। गरीबों, मजदूरों, बुजुर्गों की मदद के लिए वे सदैव तत्पर रहते हैं। अनेक गरीब बच्चों को स्वयं के व्यय से पढ़ाई-लिखाई कराते हैं। उन्होंने  नेत्रदान की घोषणा भी किया है। और लोगों को भी प्रेरित कर नेत्रदान करा चुके हैं। पौधरोपण और स्वच्छता के क्षेत्र में उनके कार्य की सर्वत्र सराहन की जाती है। वर्तमान में वह मोरध्वज नगरी आरंग में सक्रिय सामाजिक संगठन पीपला वेलफेयर फाउंडेशन में  उपाध्यक्ष व कोसल साहित्य कला मंच का सदस्य के रूप में  कार्यरत हैं। वहां भी इनकी प्रतिभा का लाभ सामाजिक संगठनों को मिल रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता और सादगीपूर्ण जीवन

शिक्षक महेंद्र, मरार पटेल समाज में राज, तहसील, जिला व प्रदेश स्तर पर अनेक दायित्वों का भी निर्वहन कर रहे हैं। बहुत साधारण  वेशभूषा और सादा जीवन-उच्च विचार को इन्होंने अपना आदर्श बनाया है। उन्होंने व्यवसायिक कोर्स के साथ- साथ हिन्दी, राजनीति और संस्कृत जैसे विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। वे कहते हैं कि बड़ा काम करने के लिए इंसान को सरल बनना चाहिए। स्वयं को बड़ा समझने वाला जीवन में कभी कोई बड़ा काम नहीं कर सकते हैं। विद्या विनम्रता प्रदान करती है। आजकल लोग कुछ कक्षा पढ़ने के बाद खुद को बहुत होशियार और जानकार मानने लगते हैं। यही वजह है कि लोग नवाचार नहीं कर पाते हैं।

हमें हमेशा सभी लोगों के बारे में अच्छा सोचना चाहिए। और यथासंभव पीड़ित मानवता को सहयोग करना चाहिए। शिक्षक सही मायने में वह है, जो समाज को सही दिशा दे सके।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.