नई दिल्ली: देश में ‘MPOX’ यानि ‘मंकी पॉक्स’ का अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पूरी तरह से सजग और सतर्क नजर आ रहा है। जी हां, मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है। वहीं केंद्र ने राज्यों के साथ इसे लेकर एक बैठक भी की है।
MPOX को लेकर सरकार तैयार, केंद्र ने राज्यों के साथ की बैठक, भारतीय एयरपोर्ट्स और बॉर्डर पर खास निगरानी
अस्पतालों में आइसोलेशन वॉर्ड तैयार
‘मंकी पॉक्स’ को लेकर एनसीडीसी की तैयारी पूरी है। दिल्ली में तीन मॉडल अस्पताल बनाए गए हैं। इसके अलावा दिल्ली में आरएमएल, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग अस्पताल में आइसोलेशन वॉर्ड तैयार किए गए हैं।
COVID से कोई संबंध नहीं
बताना चाहेंगे COVID से इस वायरस का कोई संबंध नहीं है। यह वायरस जनित बीमारी है। पहले भी देश में मंकी पॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं। देश में जुलाई 2022 से मई 2023 तक मंकी पॉक्स के 30 मामले सामने आए थे।
ये रहेंगे सुरक्षित
जिन्हें स्मॉल पॉक्स का वैक्सीन लगा है वो सुरक्षित हैं। अभी ट्रैवल एडवाइजरी जारी नहीं की गई। देश के हर हिस्से में आईसीएमआर के लैब में जांच की सुविधा है।
कैसे फैलता है यह संक्रमण ?
बीमार होने पर 21 दिन का आइसोलेशन पीरियड रखा गया है। इसकी जांच आरटीपीसीआर से होती है। यह संक्रमण काफी नजदीक संपर्क में आने से होता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक यह संक्रमण बेडशीट शेयर करने, स्किन के संपर्क में आने पर होता है।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण ?
वहीं इसके लक्षण की बात करें तो यह चिकन पॉक्स की तरह होता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक यह पिछली बार से ज्यादा खतरनाक है। दरअसल, इस बार के मंकी वायरस से डेथ रेट तीन फीसदी के करीब बताई जा रही है।