आरंग । शिवालियों की नगरी के नाम से विख्यात नगर आरंग में जगह-जगह स्वयंभू शिवलिंग विद्यमान है। जिनमें से एक है नगर के महामाया तालाब किनारे स्थित कुमारेश्वर महादेव। जिसकी महिमा निराली है। कुमारेश्वर महादेव अपने विशाल गोलाकार आकर्षक स्वरूप में पूरे शिव परिवार सहित विराजमान हैं।
कहा जाता है कि जब भी नगर व क्षेत्र में कोई संकट आए तब उन्हें जलमग्न करने पर संकट तत्काल दूर हो जाती है। विगत दो वर्ष पूर्व जल वर्षा की कामना से नगर वासियों द्वारा कुमारेश्वर महादेव को जलमग्न किया गया जिससे तत्काल वर्षा हुई थी। मंदिर के सर्वर्राकार 81 वर्षीय गजानन गुप्ता ने बताया हैं यह मंदिर कितनी पुरानी है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। करीब 40 वर्षों से वह इस मंदिर में सर्वराकार के रूप में कार्य कर रहे हैं।मंदिर का संचालन श्री संस्कृत प्रचारिणी सभा ट्रस्ट एवं रेवती रमण मंदिर ट्रस्ट के द्वारा किया जाता है। रेवती रमण मंदिर ट्रस्ट के नाम पर 25 एकड़ जमीन है जिसकी आमदनी से मंदिर का संचालन किया जाता है। कुछ वर्षों से मंदिर की पूजा वैष्णव परिवार द्वारा किया जा रहा है।
कुछ वर्षों से मंदिर की पूजा, वैष्णव परिवार द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी किया जा रहा है। वर्तमान में 26 वर्षीय बल्ला वैष्णव प्रतिदिन पूजा आराधना करते हैं। उन्होंने बताया शिवलिंग करीब ढाई फीट ऊंची, और 6 फीट चौड़ी है पूर्व मुखी यह मंदिर पूरे नगर व क्षेत्र वासियों के लिए जन आस्था का केंद्र है। वर्ष भर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
विशेष रूप से श्रावण में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, रूद्राभिषेक और पूजा आराधना से श्रद्धालुओं को मन वांछित फल की प्राप्ति होती है। वहीं नगर के स्वयं सेवी सामाजिक संगठन नगर के शिवालयों की जानकारी संकलित कर रहे हैं।