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महासमुंद : बच्चों के झगड़े में तीन की हत्या, तीन लोगों को आजीवन कारावास

 महासमुंद। बच्चों के झगड़े से उपजे विवाद के बाद एक ही रात में दो अलग-अलग स्थानों पर भीमखोज निवासी रंजीत, रवि व दुकालू की हत्या को अंजाम देने वाले तीन आरोपितों को प्रथम सत्र न्यायाधीश सुश्री संघपुष्पा भतपहरी ने दोषसिद्ध पाए जाने पर  महासमुंद थाना क्षेत्र के ग्राम भीमखोज निवासी 35 वर्षीय संतोषी पति विजय तेलगू, 46 वर्षीय यशोदा पति नंदकिशोर तेलगू तथा 51 वर्षीय नंदकिशोर पिता गिरधारी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 5 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 307 के तहत 7 वर्ष सश्रम कारावास व 3 हजार रुपए अर्थदंड तथा धारा 460 के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। 


इसके अलावा धारा 148 के तहत 2 वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदंड, धारा 324 के  से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि नही पटाने पर क्रमश: 5, 5, 3, 2 व 1 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। ये सजाएं सभी हत्याओं व अन्य अपराध के लिए अलग-अलग दी गई है याने आरोपितों को तीन-तीन आजीवन कारावास  व सभी सजाएं तीन तीन बार दी गई है। 

इसी तरह अर्थदंड की राशि भी भुगतना होगा। अर्थदंड के अलावा अन्य सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। अभियोजन के अनुसार मामला 26 अगस्त 2003 की रात्रि ढाई से तीन बजे का है। प्रार्थिया शांतिबाई ने पुलिस को बताया कि घटना के एक-डेढ माह पहले उसकी देवरानी सीमा का बच्चों की बात पर गिरधारी, नंदकिशोर और उनकी औरतों के साथ झगड़ा हुआ था। तब गिरधारी, नंदकिशोर परिवार सहित कही भाग गए थे। 26 अगस्त 2003 को अपने पति दुकालू व बच्चों को लेकर कमरा बंद करके सोई थी तो रात्रि ढाई से तीन बजे बचाव बचाओ कहकर रवि और उसकी पत्नी चिलाई। दरवाजा खोलकर लाईट जलाकर देखा तो नीलकंठ विधि से संघर्षरत बालकगण, पुनीत, अर्जुन, बूढा अर्जुन, धरमू, दिनेश, फूलसिंग, गणेसरी, कोदी बाई, यशोदा बाई, संतोषी बाई तथा अन्य लोग तलवार, खुखरी, टगियां, गुप्ती, भाला, राड, लाठी रखे थे और रवि को मार रहे थे। रवि नीचे गिर पड़ा था। 

प्रार्थिया को देखकर उसकी ओर आए और बोले इसको मार डालो। गणेसरी, यशोदा, कोंदी बाई, संतोषी, डंडे से मारे और बैगा राजू ने भूजा में तलवार से हमला किया। यह देखकर उसका पति दुकालू अंदर घूसकर दरवाजा बंद कर दिया किंतु ये लोग दरवाजा तोड़कर अंदर घूसे और उसके हाथ, पैर काट दिए साथ ही शंकर को भी मारे है। घटना के समय रवि की मौत हो गई थी और कुछ समय बाद प्रार्थिया के पति दुकालू की भी मौत हो गई। 

इसी तरह मृतक रंजीत की पत्नी सीमाबाई ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि घटना  26 अगस्त 2003 से एक डेढ माह पूर्व बच्चों के झगड़े में विवाद हुआ था। इसी बात की रंजिश से गिरधारी, नंदकिशोर, चिन्ना, पोतराजू, बैगा राजू ,नीलकंठ विधि से संघर्षरत बालकगण, पुनीत, अर्जुन, बड़ा अर्जुन, धरमू, दिनेश,फूलसिंग, गणेसरी, कोंदी बाई यशोदा बाई, संतोषी बाई तथा अन्य लोग तलवार, खुखरी, टगिया, गुप्ती, भाला, राड, डंडा से उसके पति रंजीत को मारपीट कर हत्या कर दिए। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना उपरांत कोर्ट को सौंपा था। 

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