Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

Teacher Eligibility Test 2024 : शिक्षक पात्रता परीक्षा में गड़बड़ी, भूपेश बघेल ने कहा - फिर से हो परीक्षा

 Teacher Eligibility Test 2024 :  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा 2024 जिला धमतरी केंद्र क्रमांक 1520 महर्षि वेदव्यास शास.महा. भखरा में हुई गड़बड़ी की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही एवं परीक्षार्थियों को पुनः परीक्षा का अवसर देने की मांग किया हूं।


शिक्षक पात्रता परीक्षा 2024 परीक्षा केंद्र महर्षि वेदव्यास शास.महा.भखारा धमतरी के परीक्षार्थी गणों को 1.30 घंटा विलंब से ओएमआर शीट दिया गया और उन्हें अतिरिक्त समय भी नहीं दिया गया है जिसके कारण परीक्षार्थियों को ओएमआर शीट पूर्ण हल करने का समय नहीं मिला। परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थियों के संख्या के अनुसार ओएमआर शीट क्यों उपलब्ध नहीं कराया गया था? इसकी जांच की जाए? दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही किया जाये एवं परीक्षार्थियों को पुनः परीक्षा देने का अवसर दिया जाये।

जबकि परीक्षा केंद्र प्रभारी द्वारा नियंत्रक छ.ग. व्यावसायिक परीक्षा, मण्डल, नया रायपुर को दूरभाष एवं पत्र क्रमांक 149 दिनांक 23.06.2024 द्वारा सूचित किया गया है, जिसमें उल्लेखित है परीक्षा केंद्र में 400 परीक्षार्थी आवंटित होने के विरूद्ध 420 प्रश्न पत्र एवं मात्र 160 ओएमआर शीट प्राप्त होने की जानकारी है। परीक्षा केंद्र के प्रभारी द्वारा नियंत्रक को वस्तुस्थिति की जानकारी देकर मार्गदर्शन मांगा गया। परंतु परीक्षा नियंत्रक के द्वारा अतिरिक्त समय नहीं देने का निर्देश दिया गया है।

ओएमआर शीट नहीं मिलने के कारण से परीक्षार्थियों को विलंब हुआ और छात्रों की मांग है हमको अतिरिक्त समय दिया जाए और ये भी बताया गया कि वहाँ जो परीक्षा नियंत्रक है मुख्य नियंत्रक से बात की और नियंत्रक ने अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया। 400 जो बच्चे हैं जो शिक्षक पात्रता परीक्षा 2024 में प्रतिभागी बने थे और उनके साथ ये अन्याय हुआ है, धोखा हुआ है। मैं ये नहीं कहता की इनको भी झज्जर की तरह इसको बोनस अंक दिया जाए बल्कि इन बच्चों की फिर से परीक्षा ली जाए। क्योंकि उनको डेढ़ घंटा ही समय मिल पाया था। दूसरी बात यह है कि आखिर जब 400 छात्र वहाँ थे तो 160 ओएमआर शीट कैसे पहुंचा? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उसके खिलाफ़ कार्रवाई की जाए? पूरे देश में जिस प्रकार से छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है और स्टेट गवर्नमेंट के द्वारा आयोजित परीक्षा है, उसमें भी हमारे धमतरी जिले के भखारा केंद्र में हमारे परीक्षार्थियों के साथ अन्याय हुआ है। इसमें भी कार्यवाही के लिये मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा हूं। सरकार तत्काल कार्यवाही करें। तत्काल निर्णय भी ले। 400 परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। इनको पुनः परीक्षा का मौका मिलना चाहिए है।


केंद्र की भाजपा सरकार में पिछले 10 साल से अघोषित आपातकाल है। ईडी की कार्यवाही 95 प्रतिशत विपक्षी दलों के यहां हुआ है। मीडिया के लोगों के यहां भी कार्यवाही की गई है। किसानों के खिलाफ तीन काले कानून लाये बहुत सारे किसान शहीद हो गये। कांग्रेस के बैंक खाता सीज किया गया है। चुनाव आयोग में जो शिकायते किया गया कोई कार्यवाही नहीं हुई। 1 जुलाई से जो कानून लागू होने वाला है वह घातक है इस कानून की चर्चा लोकसभा में नहीं हुआ है। एक दिन में 78 सांसद निलंबित हुये दुनिया में जहां लोकतंत्र है कभी इतने सांसद निलंबित नहीं हुये।


नीट के एग्जाम में न तो चैयरमेन को हटा रहे, न ही मंत्री को, लोकतंत्र है कहां? विपक्ष को लोकसभा उपाध्यक्ष का पद देना चाहिए था। भाजपा वाले काला दिवस मना रहे है। भाजपा के नेता कुछ भी खुलकर बोल नहीं पा रहे है। भाजपा के नेताओं की स्थिति खराब है। अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल की स्थिति क्या है? सबको पता है। भाजपा सरकार की स्थिति आपातकाल से बत्तर स्थिति है।


बलौदाबाजार घटना में जो निर्दोष लोग उनको टारगेट कर रहे हैं। कांग्रेस के लोग हैं, उनको टारगेट कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारियां हो रही है। जबकि भारतीय जनता पार्टी और अन्य वे लोग थे, भारतीय जनता पार्टी के अघोषित सहयोगी हैं। उनके खिलाफ उन नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उस दिन भी आप लोगों से चर्चा किया और जहां पीड़ित परिवार के लोग आये थे। उस समय भी यह बात मैंने उठाया था। तो अब हमारी डिमांड यह है कि शासन-प्रशासन की मिलीभगत से घटना घटी है। इसके लिए दोषी सरकार है और इसीलिए हम पहले दिन से ही विष्णु देव साय के सरकार की इस्तीफा की मांग कर रहे हैं। और दूसरी बात, इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि यह जो पुलिसिया कार्रवाई अभी लगातार हो रही है, उससे यह स्पष्ट है कि दमनकारी नीति अपनाए हुए हैं। हमारी डिमांड यह है कि इसे हाईकोर्ट के जज की देखरेख में उच्च न्यायालय की देखरेख में इसकी जांच हो। फिर न्यायालय की शरण में जाएंगे। लेकिन हमारी डिमांड अभी सरकार से है कि हाईकोर्ट के जज के सिटिंग जज की देखरेख में न्यायालय की देखरेख में इसकी जांच हो। जो पुलिसिया कार्रवाई कर रही है, उसकी जानकारी में हूं। दूसरी बात यह है कि जो एक सदस्यी हाईकोर्ट के मोहित कुमार जज कमेटी बनाई है। उसमें कम से कम दो सदस्य  समाज के रिटायर्ड जज को रखा जाना चाहिए, ताकि समाज को विश्वास हो कि कार्रवाई सही है।


विधानसभा आहूत करने का अधिकार मुख्यमंत्री को है मुख्यमंत्री की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा सचिव एवं राज्यपाल सबके चर्चा करके विधानसभा सत्र चालू होता है। पर अभी तक कोई इस बारे में सूचना नही आयी है। भाजपा सरकार ने शराब नीति कई लोगों को फायदा पहुंचाने के लिये लाई गयी है।


हमारी सरकार ने शराब नीति में बदलाव नहीं किया था जो पूर्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी उसके अनुसार ही चलता रहा। आखिरी में ये हुआ की एफए-10 में कुछ लोगों के जो रैकेट बना लिए थे और जो उपभोक्ता उसके पसंद के ब्राण्ड नहीं मिलते थे यही शिकायतें आ रही थी। क्योंकि यहाँ के दो, तीन, चार, पाँच लोग है उसकी मोनोपल्ली हो गई थी उसको तोड़ने के लिए और प्रतिस्पर्धा होगी तो राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी इस बात को करके वो फैसला लिया गया था और टेंडर तो इनकी सरकार में हुआ और उसको निरस्त कर दिया गया है तो सुनने में तो ये आया है कि लोकसभा चुनाव के समय शराब कारोबारियों से खूब सहयोग लिया गया था। अब उसके बाद टेंडर हो गया तो बहुत सारे बाहर की भी पार्टी आ गयी। वहां एक है जैन साहब बैठे हुए थे आजकल तो धमतरी वाले भी चलाने लगे सुना हूं तो उनके दबाव में आगे निरस्त किया गया ये जानकारी मेरे पास है। जो सुनी सुनाई बात है उसको मैं बता रहा हूँ।


प्रधानमंत्री जी प्रेस से बात कर रहे थे कि विपक्ष से सकारात्मक भूमिका की अपेक्षा कर रहे थे। लेकिन जो मान्य परंपरा है उसका पालन प्रधानमंत्री नहीं कर रहे है। एक तो भाजपा की सरकार नहीं है, ये एनडीए की राजद गठबंधन की सरकार है। सबको लेके साथ में चलना था लेकिन ये तानाशाही रवैया अपनाये हुये है और अपेक्षा विपक्ष से कर रहे है कि सकारात्मक भूमिका होना चाहिये। लेकिन खुद प्रधानमंत्री की भूमिका क्या है? विपक्ष को उपाध्यक्ष देने की परंपरा रही है उसे तोड़ने का काम लोकसभा में प्रधानमंत्री ने खुद किया था। अभी जब जानकारी मिली है जब राजनाथ सिंह जी जब फोन किये खड़गे साहब को तो उन्होंने कहा कि हम तो सहयोग करना चाहते है लेकिन उपाध्यक्ष की पद विपक्ष को देने की परंपरा है फिर से फोन करता हूं लेकिन फोन अभी तक आया नहीं। पहली बार होगा विपक्ष के द्वारा केंडिडेट खड़ा किया जा रहा है और इसके लिये कोई जिम्मेदार है तो सत्ता में बैठे हुये नरेन्द्र दामोदर दास मोदी है।


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.