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ज्ञान सरोवर में बह रही ज्ञानामृत की धारा, देश-विदेश से बड़ी संख्या में पहुंचे मीडियाकर्मी

 माउंट आबू ज्ञान सरोवर से आनंदराम पत्रकारश्री की रिपोर्ट.


 माउंट आबू । राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन एवं रिट्रीट का आयोजन ज्ञान सरोवर माउंट आबू (राजस्थान) में 23 से 27 मई 2024 तक आयोजित है। मीडिया विंग (R. E. R. F)एवं ब्रम्हाकुमारीज के संयोजन में महासम्मेलन का आज शुभारंभ हुआ। नई सामाजिक व्यवस्था के लिए दृष्टि और मूल्य विषय पर केंद्रित मीडिया की भूमिका रेखांकित की गई। 


शुभारंभ अवसर पर प्रमुख रूप से बीके नलिनी दीदी, बीके आत्म प्रकाश, बीके निकुंज, बीके रंजन भाई मंचस्थ थे। 

 ज्ञान सरोवर में लगाएं डुबकी- निकुंज भाई 

इस अवसर पर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए बीके निकुंज भाई ने कहा कि ज्ञान सरोवर में डुबकी लगाकर सभी मीडिया कर्मी यहाँ से खुशी ले जाएं। तीन दशक में पहली बार ऐसा हो रहा है कि यह राष्ट्रीय सेमिनार आज अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो गया है। लंदन से नविल दादा पधारे हैं।

उन्होंने कहा कि जीवन की आपाधापी के बीच ख़ुशी, शान्ति खो जाती है। इस महासम्मेलन से मूल्यों का ज्ञान, संतुष्ट होकर जाते हैं। मई और सितम्बर में साल में दो बार मीडिया कॉन्फ्रेंस आयोजित होता है। आप संस्था नहीं, परिवार का हिस्सा बने। नई सामाजिक व्यवस्था में मीडिया का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने समाज में

समानता, सर्व समाविष्ट, स्थायी विकास पर जोर दिया।  उन्होंने 

तीन विचार बिन्दु

E- education शिक्षित करें। 

I- inspire प्रेरित करें। 

U- unity एकजुटता करें। पर ध्यान केंद्रित किया।

 ज्ञान सरोवर मीडिया कर्मियों की मायके की तरह ही है- डॉ. नलिनी 

60 वर्षों से सेवा दे रहीं डॉ. नलिनी दीदीने इस मौके पर कहा कि ऐसा लगता है कि  जो लड़कियां शादी कर ससुराल जाती हैं, उन्हें मायका की हमेशा याद आती है। मायके वाले भी उन्हें बुलाने के बहाने ढूंढते हैं। मीडिया कर्मी कितने अच्छे सेवा करते हैं। इसलिए हम भी उन्हें बुलाते हैं। माता पिता से मिलकर मायके में कितना खुश होती हैं। यादों के सहारे ससुराल में जीती हैं। ज्ञान सरोवर में कोई टेंशन नहीं है। जितनी बार दिल से हाथ उठाएंगे, उतने प्रभु के करीब जाएंगे। लक्ष्य 

नजरिया बदलने की जरूरत है। नजर-नजर का फेर है। 

उन्होंने कहा कि मैं कौन और मेरा क्या? यह जानना जरूरी है। दिव्य नेत्र खोला, इस नेत्र से जगत को देखो। मेरे परिवार जन को अपने तो अपने होते हैं। विवेकवान बनें। ज्ञान का नेत्र। मन, बुद्धि और संस्कार आत्मा की ज्ञानेंद्रि। मनुष्य बौद्धिक प्राणि तो है, बुद्धि से काम नहीं करता। मन से करता है। नजरिया, नए समाज की नव रचना की हो। समाज को सब मिलकर सुधारना है। प्रभु ने बुलाया है। नई दुनिया की रचना के सूत्रधार बनें। 

 नया समाज बनाने में मीडिया कर्मियों का योगदान महत्वपूर्ण- रंजन दीदी 

बीके रंजन दीदी ने कहा कि मीडिया का प्रभाव सार्वभौमिक है। एक समय था, जब अखबार पर निर्भरता थी। आज यूनिवर्सल प्लेटफार्म उपलब्ध है। मीडियाकर्मी अपनी जिम्मेदारी लोक जीवन में खुशहाली, सामाजिक विद्वेष को मिटाएं, मीडिया मिशन से भटक कर गुनाह परोस रहे हैं। लोग चाह रहे हैं, इसलिए परोस रहे हैं। सकारात्मक खबरों का विस्तार हो। विजन स्पष्ट है, नया समाज बनाना है। अपना योगदान कैसे दे सकते हैं। राजयोग को सीखें। अपने भीतर शक्ति का संचार करें। खुद को जानें, स्वयं के भीतर शक्ति भरें। परम पिता के घर में चार दिन बिताएं। नई समाज की रचना में योगदान दे सकेंगे। विश्व परिवर्तन की दिशा में योगदान दें।

 कलेक्शन, करेक्शन और कनेक्शन ये तीन शब्द समझ लें- आत्म प्रकाश 

बीके आत्म प्रकाश ने कहा कि भारत में इस समय दो वेव चल रहा है। इलेक्शन और हीट वेव के बीच बड़ी संख्या में मीडिया के साथियों की उपस्थिति सराहनीय है। सर्वत्र अशांति बहुत है, शांति चाहिए। रोग, शोक, बीमारी बढ़ रही है। 5 विकार काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार मुख्य कारण है। देह अभिमान। धर्म, ज्ञान का अहंकार का त्याग करें। 

हम सब आत्मा हैं। एक ही परम पिता परमात्मा के संतान हैं। आपस में भाई-भाई। तीन शब्द लेकर जाएं।

कलेक्शन-कीजिए। ज्ञानामृत का संकलन। 

करेक्शन- करें। अपनी खामी, कमी को करेक्ट करके जाएं।

कनेक्शन- परम पिता परमात्मा शिव बाबा से। आत्मा का परमात्मा से मिलन। सात्विक, राजयोगी बनें।

मंच संचालन कर रहीं बीके चंदा बहन ने सभी का अंतःकरण से धन्यवाद ज्ञापित किया।

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