रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने काँकेर मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों को शहीद बताने पर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि कांग्रेस की यह सोच उसके वैचारिक तौर पर पूरी तरह दीवालिया हो जाने का एक और जीता-जीगता सबूत है। साव ने कहा कि कांग्रेस विचारों के स्तर पर इतनी कंगाल होती जा रही है कि अब वह आतंकवादियों, नक्सलवादियों को शहीद तक बताने पर गुरेज नहीं कर रही है। नक्सलियों को ‘भटका हुआ’ और ‘मासूम’ बताते-बताते कांग्रेस अब उनको शहीद बता रही है, इससे अधिक शर्मनाक गिरावट माओवादी उग्रपंथियों से भाईचारा निभाती कांग्रेस की और क्या हो सकती है? साव ने कांग्रेस से अपने इस बयान के लिए पूरे प्रदेश, विशेषकर बस्तर की जनता से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता द्वारा मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों को शहीद कहा जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस ने अपने इस राजनीतिक चरित्र के जरिए लोकतंत्र पर प्रहार किया है, देश के सुरक्षा बलों और उनके शौर्य पर प्रहार किया है। यह छत्तीसगढ़ और बस्तर की जनता पर प्रहार है। यह बहुत ही शर्मनाक बयान है और जिस तरह से कांग्रेस ने पिछले 5 सालों में छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद की आग में झोंका था, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता का यह बयान कांग्रेस की इस निकृष्ट मानसिकता को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त है। साव ने कहा कि अपने शासनकाल में नक्सली मोर्चे पर अपनी नाकामी और नाकारापन की कुंठा से ग्रस्त पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक तरफ काँकेर मुठभेड़ को फर्जी बताकर सुरक्षा बलों के मनोबल और पराक्रम पर प्रहार करने का काम करते हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता नक्सलियों को शहीद बताकर जनभावनाओं का अपमान करती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को इस मुठभेड़ में घायल जवानों की वीरता को फर्जी बताने में जरा भी शर्म इसलिए महसूस नहीं हुई क्योंकि उनके शासनकाल में एक तरफ नक्सली राजनीतिक संरक्षण में भाजपा नेताओं, पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की टारगेट किलिंग का सिलसिला चलाए हुए थे, भरी सभा में कांग्रेस विधायक की मौजूदगी में भाजपा के चुनाव प्रचारकों को काट और मार डालने की धमकियाँ दी जाती थीं, वहीं दूसरी तरफ नक्सली बारुदी विस्फोट करके जवानों का खून बहाने की कायरता का प्रदर्शन कर रहे थे और कांग्रेस की पूर्ववर्ती भूपेश सरकार उन शहीद जवानों का अंतिम संस्कार उनके गृहग्राम में नहीं करने की नक्सली धमकी के सामने दुम दबाकर बैठी रही थी। छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस की भूपेश सरकार के इस शर्मनाक रवैए को भूली नहीं है। साव ने कहा कि नक्सलियों को शहीद मानने वाली कांग्रेस ने 5 साल बस्तर में इसी मानसिकता से कार्य किया है। कांग्रेस का अब यही राजनीतिक चरित्र शेष रह गया है और वह उग्रपंथी माओवादियों की कठपुतली बनकर रह गई है।