रायुपर। ऐसे बड़े और जटिल ऑपरेशन जिनके लिए लोगों को पहले राज्य से बाहर बड़े महानगरों का रूख करना पड़ता था, अब छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर के सबसे बड़े शासकीय चिकित्सा संस्थान और इससे संबद्ध अस्पताल के समर्पित चिकित्सकों एवं परिश्रमी पैरामेडिकल टीम की बदौलत संभव हो रहे हैं. यही वजह है कि शासकीय चिकित्सा संस्थान के प्रति आमजनों का विश्वास दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.
इसका जीता जागता प्रमाण है हाल ही में पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग के डॉक्टरों द्वारा की गई एओर्टिक आर्च डिब्रांचिंग ( aortic arch debranching) सर्जरी. हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहु एवं कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. तान्या छोड़ा औऱ उनकी परिश्रमी टीम की बदौलत एन्युरिज्मल एओर्टिक डायसेक्शन से पीड़ित 52 वर्षीय मरीज की जान एओर्टिक आर्च डिब्रांचिंग नामक जटिल सर्जरी कर बचाई गई.
इस ऑपरेशन की सफलता पर पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया एवं अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस. बी. एस. नेताम ने डॉक्टरों को बधाई दी है और कहा कि इस प्रकार के जटिल ऑपरेशन से मरीजों की जान तो बचती है एवं साथ ही साथ शासकीय संस्थानों के प्रति लोगों का विश्वास निरंतर बढ़ते जाता है. ऐसे ऑपरेशनों की सफलता से संस्थान राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है.
डॉ. कृष्णा कांत साहू ने सीटी एंजियोग्राम देखकर कहा कि इसकी डिब्रांचिंग सर्जरी करनी पड़ेगी जो कि बहुत ही जटिल है एवं मरीज के जान को बहुत अधिक खतरा हो सकता है. चूंकि यह ऑपरेशन अभी तक इस संस्थान में नहीं किया गया है इसलिए दूसरे बड़े संस्थानों के वैस्कुलर सर्जन से संपर्क करके ऑपरेशन की योजना बनाई गई.