Farmer Protest : किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च का आज दूसरा दिन है। प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्ट्रर ट्रॉली के साथ डटे हैं। रात भर किसान बॉर्डर पर ही रहे। रात में किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। हरियाणा पुलिस का कहना है कि किसी भी हालत में राज्य में किसानों को एंट्री नहीं दी जाएगी।
केंद्र सरकार से लगातार बातचीत विफल रहने के बाद किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. किसान नेताओं और केंद्र के बीच बातचीत के बेनतीजा रहने के बाद किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया है. फिलहाल, प्रदर्शनकारी किसानों का काफिला दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर है.
मंगलवार को शंभू बॉर्डर और जींद बॉर्डर पर पंजाब के किसानों की हरियाणा पुलिस संग झड़प हुई. पंजाब-हरियाणा का शंभू बॉर्डर मंगलवार को जंग का मैदान बन गया और चारों ओर आंसू गैस के गोले से धुआं-धुआं हो गया. कल शाम होते ही किसानों ने अपना मार्च रोक दिया था और आज फिर सुबह काफिला दिल्ली की ओर कूच करेगा. इधर, राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर भी बहुस्तरीय अवरोधक, कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटेनर की दीवारें लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
दिल्ली कूच पर अड़े किसानों ने शाम ढलते ही शंबू बॉर्डर पर प्रदर्शन रोक दिया है. जानकारी के मुताबिक, आज यानी बुधवार सुबह वे फिर दिल्ली की ओर बढ़ेंगे. किसान नेता बता रहे हैं कि पुलिस के साथ झड़प में क़रीब 80 किसान घायल हो गए हैं. इस बीच पंजाब सरकार ने किसानों के प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है. हरियाणा की सीमा से सटे पंजाब के जिलों – संगरूर, पटियाला, डेराबस्सी, मानसा और बठिंडा – में अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है.