Acharya Vidyasagar Maharaj: आचार्य विद्यासागर जी महामुनिराज ने शनिवार देर रात अपना शरीर त्याग दिया. छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में रात करीब 2.30 बजे मुनी परंपरा के आचार्य विद्यासागर महाराज ने अपना शरीर त्यागा.
मुनि श्री करीब 6 महिने से डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी में रुके हुए थे। जैन मुनि की शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोगों का डोंगरगढ़ पहुंचना शुरू हो गया है। वहीं आज उनके पार्थिव शरीर को दोपहर 1 बजे पंचतत्व में विलीन किया जाएगा।
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने पूरी जागृतावस्था में आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन का उपवास लिया था। इसके साथ ही उन्होंने अखंड मौन धारण कर लिया था।
6 फरवरी मंगलवार को दोपहर मुनि श्री ने मुनियों को अलग भेजकर निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागर जी से चर्चा की थी और संघ से संबंधित कार्यों से निवृत्ति ले ली थी। इसके साथ ही उसी दिन आचार्य पद का त्याग भी कर दिया था।
आज को निकाली जाएगी अंतिम यात्रा
महाराज विद्यासागर जी की अंतिम यात्रा आज यानी की रविवार को चंद्रगिरि तीर्थ डोंगरगढ में दोपहर 1 बजे से निकाली जाएगी। पार्थिव देह को चन्द्रगिरि तीर्थ पर ही पंचतत्व में विलीन किया जाएगा।