रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तमंत्री ओ.पी. चौधरी ने आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक लाख सैंतालीस हजार पांच सौ करोड़ रूपए का बजट पेश किया। बजट में आगामी वर्ष के लिए किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है। वहीं, मौजूदा कर की दरों में भी कोई वृद्धि नहीं गई है। इसके बावजूद राज्य के स्वयं के राजस्व में बाईस प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि यह बजट ‘‘मोदी की गारंटी‘‘ के तहत वादों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि अमृत काल में एक विकसित राज्य के रूप में उभरने की दृष्टि से सभी क्षेत्रों में समावेशी विकास के लिए एक नवंबर 2024 तक अमृतकाल-छत्तीसगढ़ विजन-2047 तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में हमारे राज्य की जीएसडीपी को पांच लाख करोड़ से दोगुना करके वर्ष 2028 तक दस लाख करोड़ करने का लक्ष्य है।
वित्त मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लिए दस आधारभूत रणनीतिक स्तंभों का प्रारूप तैयार किया गया है, जो मध्यावधि और दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करेंगे। इनमें गरीब, युवा, किसान और महिलाओं का विकास, तकनीक आधारित रिफॉर्म, अधिकाधिक पूंजीगत व्यय सुनिश्चित करना, प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल, अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र की नई संभावनाओं पर जोर, निजी निवेश बढ़ाना, बस्तर और सरगुजा क्षेत्र का विकास, प्रदेश में विकेन्द्रीकृत रूप से क्षेत्रों का विकास करना, छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देना और सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करना शामिल हैं।
बजट में छोटे और मध्यम किसानों को आर्थिक रूप से समृद्धि करने के लिए कृषक उन्नति योजना के तहत दस हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह, पांच हार्स पावर कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए तीन हजार पांच सौ करोड़ रूपए रखा गया है। बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए आठ हजार तीन सौ उनहत्तर करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। महतारी वंदन योजना के लिए तीन हजार करोड़ रूपए तथा अयोध्याधाम में श्रीराम लला दर्शन कराने की योजना के लिए पैंतीस करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह, जल जीवन मिशन के लिए चार हजार पांच सौ करोड़, हायर सेकेंडरी स्कूल के विकास और रखरखाव के लिए तीन हजार नौ सौ बावन करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि धमतरी जिले के कुरूद स्थित पचास बिस्तर वाले सिविल अस्पताल का सौ बिस्तर अस्पताल में उन्नयन किया जाएगा। इसके साथ ही पन्द्रह नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए दौ सौ छिहत्तर पदों का सृजन किया जाएगा।
बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि विश्वस्तरीय आईटी क्षेत्र, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रायपुर और भिलाई क्षेत्र में राज्य राजधानी क्षेत्र-एससीआर का विकास किया जाएगा। नवा रायपुर में लाईवलीहुड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तथा भिलाई में उद्यमिता केन्द्र की स्थापना की जाएगी। रायपुर, नवा रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, अंबिकापुर, जगदलपुर, कोरबा और रायगढ़ जैसे शहरों को ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं, कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, उरला और सिलतरा जैसे उद्योग क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए उद्योग नीति का प्रारूप तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य की खेल सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया जाएगा।
वित्तमंत्री चौधरी ने बताया कि भूमिहीन कृषि मजदूरों की सहायता के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना प्रारंभ की जाएगी इसके तहत प्रत्येक परिवार को दस हजार रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए बजट में पांच सौ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। वहीं, तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रतिमानक बोरा साढ़े पांच हजार रूपए का भुगतान करने के बजट में प्रावधान किया गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सेंटर ऑफ स्मार्ट गर्वनेंस तथा छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही भिलाई में उद्यमिता केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
प्रदेश के चहुंमुखी विकास की परिकल्पना -साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज पेश किए गए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट सिर्फ एक साल के लिए नहीं, बल्कि आगे आने वाले अनेक वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ के विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें प्रदेश के चहुंमुखी विकास की परिकल्पना की गई है। इस बजट में सभी वर्गों के हित पर ध्यान दिया गया है। यह बजट विकसित छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करने वाला बजट है।