मावा कोंडानार पर्यटन सर्किट का आनंद लेने पहुंच रहे देश विदेश के पर्यटक
कोण्डागांव: कोण्डागांव अपने आप में ढेरों प्राकृतिक संसाधनों के साथ अमूल्य सांस्कृतिक एवं पारम्परिक कलाओं को समेटे हुए है। यहां की संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्यता अपने आप में विलक्षण है। इन सभी संसाधनों से पूर्व में पूरा विश्व अनभिज्ञ था। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा जिले में मावा कोंडानार पर्यटन सर्किट का विकास किया गया है। इस सर्किट के बन जाने से जिले में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। जहां एक वर्ष में टाटामारी में 01 लाख से अधिक लोगों ने टाटामारी के विहंगम दृश्यों का आनंद लिया है। वहीं विदेशों से आये 50 से अधिक पर्यटकों ने यहां की सुंदरता का आनंद लिया है।
फ्रांस से आयी पर्यटक क्लेयर ने बताया कि उन्होंने दो बार टाटामारी और कोण्डागांव का भ्रमण किया है। पहली बार जब अपने दोस्तों के साथ आयी तो उन्हें यहां की प्राकृतिक खुबसूरती इतनी अच्छी लगी की जब अपनी मां को भी इसके संबंध में बताया तो वे भी मेरे साथ कोण्डागांव का भ्रमण करने आयी थी।
फ्रांस के ही अल्बाने एवं गेल ने बताया कि वे इससे पहले कई स्थानों पर गये हैं परंतु कोण्डागांव में आदिम परम्परा और यहां के लोगों की सादगी उन्हें बहुत पसंद आयी। आदिवासी लोगों से मिलकर एवं उनकी दिनचर्या को पास से देखने का मौका मिला जिससे उन्हें बहुत खुशी मिली।
फिनलेंड के थॉमस, निकोडेम, टोपीयाज ने कहा कि कोण्डागांव में स्थानीय युवाओं द्वारा हमें ट्रेकिंग करते हुए जलप्रपातों, वनस्पतियों को देखना एवं प्रकृति के बीच प्राकृतिक माहौल में मांझिनगढ़ के ऊपर कैम्पिंग करने का अनुभव अपने आप में अनुठा था। उन्हें यहां आकर बहुत खुशी महसूस हुई।
युवाओं के बीच सीविल सेवाओं की तैयारी हेतु प्रसिद्ध असिस्टेंट प्रोफसर एवं कांउसलर डॉ0 विजेन्द्र सिंह चौहान हाल ही में बस्तर के प्रवास पर थे उन्होंने ने अपने प्रवास की शुरूवात कोण्डागांव जिले के टाटामारी पर्यटन स्थल से की जैसे ही वे टाटामारी पहुंचे टाटामारी के प्राकृतिक सौदर्य एवं विहंगम दृश्य को देखकर मंत्र मुग्ध हो गये और वे अपने आप को वहां की सौदंर्यता का वीडियो बनाने से नहीं रोक पाये और एक ट्रेवल व्लॉगर की तरह अपने सोशल मीडिया के माध्यम से यहां की सुंदरता को वर्णित करते हुए कहा कि अक्सर बस्तर को अशांति से जोड़ा जाता है पर टाटामारी को देखकर आप इसकी तुलना केवल स्वर्ग से कर सकते हैं।
जगदलपुर से कोण्डागांव घुमने आये 36 सदस्यी दल के महेश ने बताया कि उनके कार्यालय वर्म फाईनेंश के सभी लोगों ने जब कोण्डागांव में घुमने का सोचा तो उन्हें इसकी खुबसूरती का अंदाजा नहीं था। यहां सभी ने ट्रेकिंग के साथ मांझिनगढ़ के दृश्यों का आनंद लिया। जो अभूतपूर्व था।