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राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' से पहले रामचरितमानस की बढ़ी मांग, गीता प्रेस का स्टॉक खत्म

 Ram Mandir Inauguration : 22 जनवरी का इंतजार पूरा देश बेसब्री से कर रहा है. रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी हर कोई बनना चाहता है. इसीलिए पूरा देश भगवान राम के रंगों में रंगता नजर आ रहा है. इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि लोगों में रामचरितमानस को पढ़ने की रूचि बढ़ गई है.


गीता प्रेस के पास खत्म हुआ 'रामचरितमानस' का स्टॉक

देशभर के दुकानों में रामचरितमानस की मांग बढ़ गई है. इसकी डिमांड इतनी बढ़ गई है कि दुकानों में किताबें खत्म हो गई हैं. नौबत यहां तक पहुंच गई है कि मशहूर प्रिंटिंग प्रेस गीता प्रेस के पास रामचरितमानस का स्टॉक खत्म हो गया है जिसकी वजह से वो दुकानों में इसकी सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं.

लोग रामचरितमानस को पढ़ने और तोहफे में देने के लिए लोग बड़ी संख्या में खरीद रहे हैं. बता दें, गीता प्रेस में रामचरितमानस, श्रीमद्भागवत गीता श्री हनुमान चालीसा जैसी धार्मिक पुस्तकें छपती हैं. गोरखपुर के गीता प्रेस में दिनरात किताब की छपाई का काम चल रहा है. ताकि तेजी से बढ़ रही है रामचरितमानस के डिमांड की सप्लाई को पूरा किया जा सके.

गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि त्रिपाठी ने बताया कि राम मंदिर उद्घाटन की घोषणा के बाद रामचरितमानस के साथ-साथ सुंदर कांड और हनुमान चालीसा की मांग काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि प्रेस के पास रामचरितमानस का कोई स्टॉक नहीं बचा है। त्रिपाठी ने बताया कि जैसे ही प्रतियां छपती हैं, उन्हें मांग के कारण तुरंत भेज दिया जाता है। तुलसीदास द्वारा लिखित रामायण संस्करण की प्रतियों की कोई सूची नहीं है।

1 लाख प्रतियां छपी, फिर स्टॉक खत्म

उन्होंने यह भी कहा कि आम तौर पर गीता प्रेस ग्रंथ की 75,000 प्रतियां छापता है। इस साल उन्होंने 1 लाख प्रतियां प्रकाशित कीं गई, और फिर भी सारा स्टॉक खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के अलावा सुंदर कांड और हनुमान चालीसा की भी मांग बढ़ी है। यह पहली बार है कि गीता प्रेस को अपने स्टॉक में रामचरितमानस की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

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