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बिलासपुर हाईकोर्ट का फैसला- 10 दिनों के भीतर संशोधित शालाओं में शिक्षकों को जॉइन किया जाए

 बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षकों की पोस्टिंग के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए सरकार को 10 दिनों के भीतर शिक्षकों को संशोधित शालाओं में ज्वाइनिंग देने के निर्देश दिया है। इससे पहले संशोधन पर राज्य सरकार ने निरस्तीकरण की कार्रवाई की थी, जिसके खिलाफ कई शिक्षकों ने हाईकोर्ट में खाचिका लगाई थी।

दरअसल, प्रदेश के सहायक शिक्षकों को शिक्षकों के पदों में प्रमोशन दिया गया था। प्रमोशन के बाद उनका पदांकन कर विभिन्न स्कूलों में करते हुए पोस्टिंग दी गई थी। सैकड़ों शिक्षकों को दूरस्थ स्कूलों में पदस्थ किया गया था, जिसके खिलाफ शिक्षा विभाग में आवेदन देकर अपनी पोस्टिंग संशोधित करवाते हुए पास के स्कूलों में करवा ली थी। संशोधन आदेश के एवज में लाखों रुपए के लेन-देन के आरोपों के बाद सरकार ने संशोधन आदेश को 4 सितंबर को निरस्त कर शिक्षकों को एकतरफा कार्यमुक्त कर दिया था।

संशोधन आदेश निरस्तीकरण को लेकर सैकड़ों शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अरविंद चंदेल ने ट्रांसफर पर 11 सितंबर को यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के निर्देश के बाद शिक्षक ना तो पदांकन वाली शालाओं में ज्वाइन कर पा रहे थे और न ही संशोधित स्कूलों में। इससे शिक्षकों को वेतन भी जारी नहीं हो पा रहा था, जिसके लिए एक बार फिर शिक्षक कोर्ट पहुंचे थे।

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