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UPSC RESULTS 2023: महासमुन्द के इस लाल ने कर दिया कमाल, पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा क्लीयर कर आईईएस के लिए चयनित

आनंदराम पत्रकारश्री.

छत्तीसगढ़ का आकांक्षी जिला महासमुन्द। जहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है। शिक्षा और कोचिंग संस्थानों की कमी, प्रतिभावान लोगों को खलती है। इस छोटे शहर के लाल 'सत्यम देवांगन' ने बड़ा कमाल कर दिखाया है। प्रथम प्रयास में ही संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा क्लीयर करके ऑल इंडिया इंजीनियरिंग सर्विस (IES) के लिए चुने गए हैं। 


किसी मध्यमवर्गीय परिवार के युवा के लिए प्रथम श्रेणी का अधिकारी बनना सपना से कम नहीं होता है। हर माता-पिता का सपना बच्चों की सफलता से पूरा होता है। सत्यम ने कठिन परिश्रम, लगन और मेहनत से अपने मध्यमवर्गीय परिवार का सपना साकार कर दिखाया है। जिस पर पूरे देवांगन परिवार को गर्व है। सत्यम ने महासमुन्द नगर का नाम भी रोशन किया है। कल 22 नवम्बर को घोषित यूपीएससी इंजीनियरिंग परीक्षा-2023 की चयन सूची में सत्यम का नाम 79 रैंक पर है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा फरवरी में प्री, जून में मुख्य परीक्षा आयोजित की गई थी। व्यक्तित्व परीक्षण के लिए 5 अक्टूबर को साक्षत्कार हुआ। बाद 22 नवम्बर को अंतिम परिणाम (चयन सूची) घोषित किया गया। सिविल इंजीनियर के 178 पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों में सत्यम 79वें स्थान पर हैं। सत्यम की सफलता पर  'मीडिया24मीडिया' द्वारा लिए गए साक्षात्कार  से जानेंगे, सत्यम ने कैसे पाई सफलता:-


संघ लोक सेवा आयोग कार्यालय के सामने सत्यम देवांगन



खास साक्षात्कार : सत्यम देवांगन के साथ


सवाल- आपकी प्रारंभिक और उच्च शिक्षा कहाँ हुई? 
सत्यम-  मैंने कक्षा एक से बारहवीं (बैच-2017) तक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय महासमुंद से की। बाद इंजीनियरिंग करने का सपना था। थोड़ा सा चूक गया तो कोचिंग के लिए कोटा गया। एक साल ड्राप लेकर कोचिंग किया। बाद एनआईटी राऊरकेला से बी.टेक. (सिविल इंजीनियरिंग) के लिए चयन  हुआ।  2018 से 22 तक बी.टेक. की डिग्री ली। 

सवाल- प्रथम प्रयास में ही कैसे सफलता मिली? 

सत्यम - इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम की कोचिंग के लिए नई दिल्ली गया। वहां सालभर तैयारी की। यूपीएससी के द्वारा ऑल इंडिया इंजिनयरिंग सर्विसेज के लिए परीक्षा फरवरी 2023 में प्री क्लियर किया। जून में मेन्स और 5 अक्टूबर को साक्षात्कार के बाद ऑल इंडिया रैंक 79 वें स्थान पर चयन होने का मुझे संतोष है। मैंने बीते वर्षों के टॉपर्स को फॉलो किया। 15-20 साल के परीक्षा के प्रश्नों को हल करके कठिन राह को आसान किया। 6-12 घंटे तक कोचिंग, सेल्फ स्टडी को मिलाकर कठिन परिश्रम किया। कम से कम 8-10 घंटे नियमित पढ़ाई जरूरी होता है।
 

 

       सवाल- किस क्षेत्र में आपकी विशेष रूचि है?

सत्यम- इंजीनियरिंग में तो रूचि है ही। हैंडबॉल खेलना मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं स्कूल लाइफ में नेशनल खिलाड़ी रहा। तीन बार चंडीगढ़, कानपुर, लखनऊ में राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेला। केंद्रीय विद्यालय में पढ़ते हुए नेशनल खेलना मेरे लिए बड़ा अचीवमेंट था। सर्विस के लिए मैंने सेंट्रल पीडब्ल्यूडी, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस, सेंट्रल वॉटर कमीशन का क्रम चुना है। रैंकिंग के हिसाब से क्या मिलता है, देखना होगा। 

सवाल- प्रशासनिक सेवा में जाने की अभिलाषा है?

सत्यम- अभी तक तो नहीं सोचा था। अब जब अखिल भारतीय स्तर की सेवा में जा रहा हूँ तो अवसर मिला और सेवा के दौरान अनुमति मिली तो फिर से यूपीएससी परीक्षा देकर कोशिश जरूर करूँगा। आईएएस अधिकारी बनना हर किसी का सपना होता है।

सवाल - युवाओं के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे? 


सत्यम- मेरे एक सहपाठी सराईपाली क्षेत्र के पोखराज नायक का भी चयन हुआ है। हमारे युवा साथी मेहनत करते रहें, लक्ष्य निर्धारित करें, सफलता अवश्य मिलती है। राष्ट्रपति भवन से प्रथम श्रेणी अधिकारी की नियुक्ति पत्र आना हमारे लिए गौरवान्वित करने वाला पल होगा। मुझे बेसब्री से इंतजार है।

सवाल- शुरू से पढ़ाई में अव्वल रहे, कभी असफलता या निराशा हुई?


सत्यम- कई बार जीवन में हर चाहत पूरी नहीं होती है। मैं भी अनेक परीक्षाओ में भाग लेते रहा। कुछ जगह असफलता भी मिली। हार नहीं माना। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुम्बई में ग्रुप बी साइंटिस्ट के लिए साक्षात्कार देने गया था। सफल नहीं हो पाया। अंतिम चरण में असफलता से थोड़ा निराशा हुई। अब लगता है कि मेरे लिए  यूपीएससी का यह अवसर नियत था। 


पारिवारिक पृष्ठभूमि :-


सत्यम देवांगन का जन्म 1.11.1999 को महासमुन्द में एक निम्न-मध्यमवर्गीय परिवार में में हुआ। उनके पिता हितेन्द्र देवांगन, जिला न्यायालय महासमुन्द में वरिष्ठ स्टेनोग्राफर हैं। माता प्रेरणा देवांगन गृहणी हैं। सत्यम की बड़ी बहन भूमिका देवांगन का चयन हाल ही में लघु वनोपज में सहायक प्रबंधक के पद पर हुआ है। चुनाव आचार संहिता की वजह से वह ज्वॉइन नहीं कर सकी है। इसके अलावा भूमिका, कृषि विभाग में सहायक संचालक पद के लिए साक्षात्कार के लिए भी क्वालीफाई कर प्रतीक्षा में है। सत्यम के चयन में पिता 'हितेंद्र' द्वारा हित संवर्द्धन, माता 'प्रेरणा' की निरंतर प्रेरणा और बड़ी बहन 'भूमिका' की अहम भूमिका रही है। भूमिका, खुद सीजी पीएससी की तैयारी करती रही और छोटे भाई को यूपीएससी के लिए प्रेरित की। सत्यम के चयन में बड़ी बहन मुख्य प्रेरणास्रोत हैं। 


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