आरंग। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार देवी कौशल्या तीजा मनाने के लिए अपनी मायके चंदखुरी आ रही है। कौशल्या को लोक कलाकार डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर एवं नरेन्द्र यादव ने अयोध्या से प्रतीकात्मक रूप से पवित्र मिट्टी को तीज लेकर लाए हैं।
जिसे रायपुर निमोरा के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पीलू राम साहू देवी कौशल्या की प्रतिमा को आकार दे रहे हैं। प्रतिमा में कौशल्या की गोद में भगवान राम का बाल स्वरूप को दर्शाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ लोक कलाकार और आयोजक राकेश तिवारी ने मूर्ति निर्माण की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ की दीदी कौशल्या की प्रतिमा धीरे-धीरे आकार ले रही है। अब उसमें रंग-रोगन करने की तैयारियां जोरों पर है। मूर्ति को छत्तीसगढ़ी परिधान और आभूषण से पारंपरिक रूप दिया जा रहा है।
दीदी कौशल्या को कोशा की साड़ी और ककनी, नागमोरी, सुर्रा, सूता, करधन, पहुंची, कड़ा से छत्तीसगढ़ी आभूषणो से सुसज्जित किया जा रहा है। कार्यक्रम के संयोजक और चित्रोत्पला लोक कला परिषद के निर्देशक राकेश तिवारी, संस्कृतिविद अशोक तिवारी, सहसंयोजक वरिष्ठ लोक कलाकार डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर ने ग्राम निमोरा जाकर मूर्तिकार पीलू राम साहू से भेंटकर मूर्ति निर्माण की प्रगति की जानकारी ली।
उन्होंने बताया कि 15 सितंबर को चंदखुरी की प्रसिद्ध पंडवानी गायिका प्रभा यादव के घर दीदी कौशल्या को स्थापित किया जाएगा। उसके पश्चात् विधि विधान से पूजा आराधना के साथ तीजा की रश्म निभाया जाएगा। वहीं नगर के पीपला वेलफेयर फाउंडेशन इस आयोजन के प्रचार प्रसार में सहभागिता निभा रहे हैं।साथ ही चंदखुरी में भी इस कार्यक्रम में पहुंचकर सहभागिता निभाएंगे।