इस योजना के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय वस्तुओं, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और अनूठी विरासत को जीवित और समृद्ध बनाए रखने को भी प्राथमिकता दी है। वहीं इस योजना को आगामी चुनावों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
बता दें कि इस योजना के जरिए बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा साइट का उपयोग कर संभावित लाभार्थियों को सामान्य सेवा केंद्रों के जरिए मुफ्त में रजिस्टर किया जाएगा। इस योजना के लिए कंद्र सरकार ने 13 हजार करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इस राशि से बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाई सहित लगभग 30 लाख पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ होगा। बता दें कि इस योजना के लाभान्वितों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता दी जाएगी।