राजधानी-न्यायधानी के शिक्षक वंचित !
छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय, इंद्रावती भवन, नवा रायपुर द्वारा 15 जून 2023 को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, नगरीय निकाय के शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान पुरस्कार 2023 के लिए प्रस्ताव मंगाया गया था। 25 जुलाई 2023 तक लोक शिक्षण संचालनालय को अनिवार्य रूप से प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना था। 14 जुलाई 2023 तक शिक्षकों को जिला शिक्षा कार्यालय में प्रस्ताव प्रस्तुत करना था। योग्य और नवाचारी शिक्षकों ने नियत तिथि तक प्रस्ताव जमा कर दिया। किन्तु, राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर, कबीरधाम, दुर्ग सहित आधा दर्जन से अधिक जिलों के शिक्षाधिकारियों ने कथित तौर पर नियत तिथि 25 जुलाई तक प्रस्ताव डीपीआई (लोक शिक्षण संचालनालय) में जमा नहीं कराया।
हजारों रुपये खर्च कर और रात-दिन परिश्रम करके सैकड़ों पन्ने का प्रस्ताव और अनुशंसा पत्र प्रस्तुत करने वाले शिक्षक इससे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। बताया जाता है कि आगामी 5 सितम्बर को डीपीआई द्वारा 5 सितम्बर 2024 को दिए जाने वाले राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान पुरस्कार (राज्यपाल पुरस्कार) के लिए चयनित शिक्षकों की सूची जारी करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। जिसमें प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जिलों के शिक्षकों को वंचित रखे जाने की खबरें सूत्रों से मिल रही है।
इन सवालों का कौन देंगे जवाब?
अब यहां सवाल उठ रहा है कि योग्य और अनुभवी, नवाचारी शिक्षकों को सम्मान/पुरस्कार से वंचित किए जाने के लिए जिम्मेदार कौन हैं? शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी इस गम्भीर लापरवाही पर संज्ञान लेंगे? कथित तौर पर नियत तिथि तक जानबूझकर प्रस्ताव नहीं भेजने वाले जिला शिक्षाधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी? योग्य होते हुए और समय पर प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाले शिक्षकों के साथ न्याय करते हुए क्या वंचित जिलों की पूरक सूची डीपीआई जारी करेगी?
सौदेबाजी का भी गम्भीर आरोप!