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महिला आरक्षण बिल पर कॉग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर- चन्दूलाल

महासमुन्द। महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस के दोहरे रवैये को लेकर भाजपा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंदूलाल साहू ने कहा कि कांग्रेस कभी भी महिला आरक्षण बिल के पक्ष में थी ही नहीं । वर्ष 2010 में तो कांग्रेस ने केवल सत्ता (यूपीए गठबंधननीत सरकार) के लिए महिला आरक्षण बिल को राज्यसभा से पास होने के बावजूद लोकसभा में पेश ही नहीं किया । क्योंकि उस वक्त सहयोगी दल के नेता लालू प्रसाद यादव, शरद यादव और मुलायम सिंह यादव, महिला आरक्षण बिल में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर अड़ गए थे । 


सारा देश इस हकीकत को जानता है, लेकिन इसके बावजूद हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस आज महिला आरक्षण बिल को कांग्रेस की देन कहकर, हमेशा की तरह मोदी सरकार की इस ऐतिहासिक और क्रांतिकारी बिल का झूठा श्रेय लेने का असफल प्रयास कर रही है । श्री साहू ने ओबीसी वर्ग को लेकर उमड़े कांग्रेस के झूठे प्रेम पर भी कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहां की वर्ष 1953 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा ओबीसी आरक्षण के लिए "काका कालेलकर आयोग" का गठन किया था, जिसने वर्ष 1955 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी । लेकिन उस रिपोर्ट पर नेहरू सरकार ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई करना जरूरी ही नहीं समझा । इसी प्रकार वर्ष 1978 में मोरारजी देसाई की नेतृत्व वाली जनता पार्टी की सरकार ने " बीपी मंडल आयोग" का गठन किया था, जिसने वर्ष 1980 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी । 

लेकिन अचानक देसाई सरकार 1980 से बेदखल हो गई। इसके बाद एक बार फिर से इंदिरा गांधी के हाथ में सत्ता आई और 1984 में उनकी हत्या के बाद राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई । लेकिन इसके बावजूद मंडल आयोग की रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई । उल्टे 6 सितंबर 1990 में विपक्ष में रहते हुए राजीव गांधी ने लोकसभा में ओबीसी आरक्षण का पुरजोर विरोध किया था । साहू ने कहा कि इन बातों से स्पष्ट है कि कांग्रेस या गांधी परिवार, हमेशा से ओबीसी आरक्षण का विरोधी रहा है । इसके बावजूद आज कांग्रेस पार्टी द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कहना अपने आप में हास्यास्पद है । 

वास्तव में ओबीसी आरक्षण की बात छेड़कर कांग्रेस और गांधी परिवार, महिला आरक्षण बिल को विवादित करने का प्रयास कर रहे हैं । साहू ने कहा कि न केवल कांग्रेस बल्कि महिला आरक्षण बिल में आरक्षण की बात कह रही विपक्षी पार्टियां, खुद एससी, एसटी, ओबीसी और अन्य आरक्षण के आधार पर महिलाओं को अपनी पार्टी का टिकट वितरण कर सकती हैं और ऐसा करने से उन्हें कोई रोकेगा भी नहीं । लेकिन वे पार्टियां ऐसा करेंगी नहीं क्योंकि उनका मकसद केवल हंगामा खड़ा कर महिला आरक्षण बिल को विवादित बना, मोदी सरकार को उसका श्रेय लेने से रोकने की नाकाम कोशिश करना है ।

 अंत में साहू ने कहा कि देशवासी भाग्यशाली हैं जो नरेंद्र मोदी के रूप में उन्हें एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो सत्ता सुख को दरकिनार कर देशवासियों के हित में ठोस फैसले लेने से नहीं हिचकते । यह भी सच है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस काम को शुरू करते हैं, उसे अंजाम तक जरूर पहुंचाते हैं और यही वजह है कि "वर्ष 2024 में आयेगा तो मोदी ही ।"

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