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चीफ़ जस्टिस ने किया बाल संप्रेक्षण गृह व किशोर न्याय बोर्ड भवन का निरीक्षण, साफ सफाई एवं देखरेख करने के दिए निर्देश

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 रायपुर :  हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने आज बिलासपुर शहर के नूतन चौक स्थित किशोर न्याय बोर्ड, ऑब्जरवेशन होम प्लेस ऑफ सेफ्टी एवं बालिका गृह का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रत्येक कक्ष का बारी-बारी से निरीक्षण किया एवं उचित साफ-सफाई नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की। बिल्डिंग की दीवालों में सीपेज एवं छत से पानी टपकते हुए पाया गया। वहां उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि बिल्डिंग काफी पुरानी लगभग सन् 1985 में बनी हुई है। इसके संबंध में उचित सुधार कार्य करने हेतु उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए गए। न्यायमूर्ति ने रसोई घर का निरीक्षण भी किया। वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर संजीव कुमार झा एवं निगम कमिश्नर कुनाल दुदावत ने मुख्य न्यायाधिपति  को आश्वस्त किया  कि जल्द से जल्द उचित मरम्मत का कार्य उनके द्वारा करा लिया जायेगा।


 मुख्य न्यायाधिपति सिन्हा द्वारा वहां उपस्थित बच्चों से चर्चा कर उनकी समस्या जानने का प्रयास भी किया गया एवं उनको मिलने वाली चिकित्सा सुविधा की जानकारी ली गई। वहां पर उपस्थित अधिकारियों के द्वारा बताया गया कि कम्पाउण्डर की ड्यूटी प्रतिदिन की है। परंतु चिकित्सक सप्ताह में एक बार ही आते हैं। मुख्य न्यायाधिपति  के द्वारा चिकित्सक को प्रतिदिन 1 से 2 घंटे उपस्थित रहना सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया।  मुख्य न्यायाधिपति द्वारा चिल्ड्रन सेफ्टी होम एवं स्पेशल होम का भी निरीक्षण किया गया। वहां उपस्थित जिला महिला बाल विकास अधिकारी उमाशंकर गुप्ता ने जानकारी दी कि ऑब्जरवेशन होम में 35 बच्चे, प्लेस ऑफ सेफ्टी में 9 बच्चे एवं स्पेशल होम में 6 बच्चे निवासरत हैं। निरीक्षण के दौरान चिल्ड्रन सेफ्टी होम एवं स्पेशल होम में अच्छी आधारभूत संरचना एवं समुचित साफ-सफाई पायी गई। उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसी ही साफ-सफाई, ऑब्जरवेशन होम में भी होनी चाहिए। इसके बाद मुख्य न्यायाधिपति ने शासकीय बालिका गृह का भी निरीक्षण किया। बालिका गृह की अधीक्षक श्रीमती ज्योति तिवारी के द्वारा बताया गया कि यहां वर्तमान में 34 बालिकाएं रहती हैं। उनके पढ़ाई-लिखाई के संबंध में मुख्य न्यायाधिपति के द्वारा उपस्थित बच्चों से चर्चा की गई। इस अवसर पर कलेक्टर संजीव कुमार झा की पहल पर न्यायाधिपति रमेश सिन्हा के हाथों से वहां उपस्थित एक छोटी बालिका को लैपटॉप भी प्रदान किया गया। 

मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा द्वारा अधिकारियों को भवन को व्यवस्थित रखने के लिए भी निर्देशित किया।उन्होंने किशोर न्याय बोर्ड का भी निरीक्षण किया, जिसमें उचित इन्फ्रास्ट्रक्चर का अभाव पाया गया एवं संबंधित अधिकारियों को यथाशीघ्र सुधार कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया। चीफ़ जस्टिस के औचक निरीक्षण के दौरान रजिस्ट्रार जनरल अरविंद कुमार वर्मा, जिला न्यायाधीश अशोक कुमार साह, एडीजे स्मिता रत्नावत, जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट सुराजेश्वरी सूर्यवंशी, जिला महिला बाल विकास अधिकारी उमाशंकर गुप्ता एवं एडिशनल रजिस्ट्रार-कम- पी.पी.एस. एम. व्ही. एल. एन. सुब्रमन्यम उपस्थित थे।

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