रायपुर : छत्तीसगढ़ के कोरबा, मरवाही, कोरिया जिला और सतपुड़ा के जंगलों में एक ऐसा पौधा पाया जाता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर तो है ही, इसकी पत्तियां भी रहस्यमयी तासीर रखती हैं. इसे दहिमन कहते हैं. यह दुर्लभ प्रजाति का वृक्ष बहुत कम देखने को मिलता है. इसके औषधीय गुणों और कम संख्या को देखते हुए .सरकार द्वारा इसे संरक्षण प्रदान किया गया है. ताकि यह वृक्ष पूरी तरह से विलुप्त न हो जाए.
दहिमन के वृक्ष से जुड़ी मान्यताएं
छत्तीसगढ़ के लोगों कि दहिमन के वृक्ष से जुड़ी बहुत सारी मान्यताएं भी है. जैसे –
लोगों का मानना है कि dahiman ki lakdi को अपने पास रखने से सांप पास में नहीं आता है.
मान्यता है कि जिस घर में शराब बन रही है उस जगह पर अगर इसके पेड़ की डंगाल रख दी जाए तो शराब नहीं पकती है.
मान्यता तो यह भी है कि अगर इसके पेड़ के नीचे बैठकर शराब पी जाये तो नशा नहीं होता है| साथ ही इसकी छाया भी किसी शराबी पर पड़ जाए तो उसका भी नशा उतर जाता है.
मान्यता है कि अगर इसके पेड़ की छांव में बैठा जाये तो सारा तनाव दूर हो जाता है.
अगर आप इसकी पत्तियों पर नुकीली चीज से कुछ लिख दें, तो आपने जो भी लिखा है, वो कुछ देर बाद उभरकर सामने आ जाएगा. कहते हैं कि इन पत्तियों की इसी खूबी के कारण उनका इस्तेमाल प्राचीनकाल में गुप्त संदेश भेजने के काम आता था.
किन बीमारियों को ठीक करता है
कैंसर, पीलिया, मानसिक रोग, मोटापा, ब्लडप्रेशर आदि| इस वृक्ष की छाल व पत्तियों का प्रयोग कैंसर के इलाज में लिया जाता है क्योंकि दहिमन की छाल में इथेनॉलिक अर्क पाया जाता है जो बैक्टीरिया व फंफूद को रोकता है| जो कि एक प्रकार का एंटी कैंसर तत्व होता है.