नयी दिल्ली : दिल्ली में यमुना का जलस्तर गुरुवार सुबह बढ़कर 208.48 मीटर पर पहुंच गया, जिससे आसपास की सड़कें, सार्वजनिक व निजी बुनियादी ढांचे जलमग्न हो गए और नदी के पास रहने वाले लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बुधवार रात 208 मीटर के निशान को पार कर गया था और बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे तक बढ़कर 208.48 मीटर पर पहुंच गया। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, इसके और बढ़ने की आशंका है, उसने इसे ‘‘भीषण स्थिति’’ करार दिया है। इस बीच, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर आज दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक बुलाई है।
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में अनुरोध किया, ‘‘यदि संभव हो तो हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से पानी धीरे धीरे छोड़ा जाए।’’ हम आपको बता दें कि यमुना पर दो प्रमुख बैराज हैं, देहरादून में डाकपत्थर और यमुनानगर में हथिनीकुंड। नदी पर कोई बांध नहीं हैं और इसलिए अकसर मानसून के जल का इस्तेमाल नहीं हो पाता जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ दिल्ली के जिन इलाकों में पानी भर रहा है वहां पर सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद किए जा रहे हैं।’’ दिल्ली में यमुना का जलस्तर बृहस्पतिवार को सुबह बढ़कर 208.48 मीटर पर पहुंच गया, जिससे आसपास की सड़कें, सार्वजनिक व निजी बुनियादी ढांचे जलमग्न हो गए और नदी के पास रहने वाले लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
हम आपको यह भी बता दें कि दिल्ली में बड़ी बाढ़ 1924, 1977, 1978, 1988, 1995, 1998, 2010 और 2013 में आईं। 1963 से 2010 तक के बाढ़ आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि सितंबर में बाढ़ आने की प्रवृत्ति बढ़ती है और जुलाई में घटती है। हालांकि इस बार जुलाई में बाढ़ की स्थिति बन गयी है।