Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज, चंद्रयान-3 के लिए PM मोदी की शुभकामनाएं

Document Thumbnail

 Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने तीसरे चंद्रयान मिशन के प्रक्षेपण की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. चंद्रयान का प्रक्षेपण आज दोपहर बाद 2.35 बजे किया जाएगा. चंद्रयान-3 को ले जाने वाला 642 टन वजन का, 43.5 मीटर ऊंचा रॉकेट एलवीएम-3 श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा. वहीं पीएम मोदी ने फ्रांस से तीसरे चंद्रयान मिशन के लिए शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा और यह राष्ट्र की सपनों को आगे बढ़ाएगा.


पीएम मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएं! मैं आप सभी से इस मिशन और अंतरिक्ष के बारे में अधिक से अधिक जानने का आग्रह करता हूं. यह आप सभी को बहुत गौरवान्वित करेगा.

‘हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा’

पीएम मोदी ने कहा कि इस मिशन को लगभग 50 प्रकाशनों में चित्रित किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा. चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा शुरू करेगा. यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा.’’ इसरो का चांद पर यान को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ऐसा कर पाने में सक्षम हुए हैं.

‘चंद्रयान-1 को वैश्विक चंद्र मिशनों के बीच माना जाता है एक पथ प्रदर्शक’

पीएम ने कहा कि चंद्रयान-2 भी उतना ही पथप्रदर्शक था क्योंकि इससे जुड़े ऑर्बिटर के डेटा ने रिमोट सेंसिंग के माध्यम से पहली बार क्रोमियम, मैंगनीज और सोडियम की उपस्थिति का पता लगाया था. यह चंद्रमा के मैग्मैटिक विकास में अधिक अंतर्दृष्टि भी प्रदान करेगा. चंद्रयान-3 तीन लाख किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए, यह आने वाले हफ्तों में चंद्रमा तक पहुंच जाएगा. यान पर मौजूद वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा की सतह का अध्ययन करेंगे और हमारे ज्ञान को बढ़ाएंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे वैज्ञानिकों का आभार…भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बहुत समृद्ध इतिहास है. चंद्रयान-1 को वैश्विक चंद्र मिशनों के बीच एक पथ प्रदर्शक माना जाता है क्योंकि इसने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की उपस्थिति की पुष्टि की है. यह दुनियाभर में 200 से अधिक वैज्ञानिक प्रकाशनों में दिखाया गया है.’’ पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान-1 से पहले तक चंद्रमा को सूखा, भूगर्भीय रूप से निष्क्रिय और निर्जन खगोलीय पिंड माना जाता था. अब, इसे पानी और उप-सतह बर्फ की उपस्थिति के साथ एक गतिशील और भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय पिंड के रूप में देखा जाता है. शायद भविष्य में, यह बसने योग्य हो सकता है!

 

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.