स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में परिवार कल्याण के उप संचालक डॉ. टी.के. टोंडर ने बताया कि देश की बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है। इसके लिए सबको जागरूक होने की जरूरत है। सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन के साधन निःशुल्क उपलब्ध हैं। इनमें पुरूष एवं महिला नसबंदी, निरोध, गर्भ निरोधक गोली, इंजेक्शन, कॉपर-टी जैसी सुविधाएं शामिल हैं। परिवार नियोजन के लिए आवश्यक है कि पहले और दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल हो।
परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के उपायों पर डॉ. टोंडर ने बताया कि सभी जिला चिकित्सालयों, चिन्हांकित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में एन.एस.व्ही. की सुविधा उपलब्ध है। पुरूष नसबंदी उन दंपत्तियों के लिए परिवार नियोजन का सबसे आसान उपाय है जिन्हें और बच्चे नहीं चाहिए। एन.एस.व्ही. बिना चीरा व टांके के दस से 20 मिनट में पूरी की जाती है, और इस प्रक्रिया में दर्द नहीं होता। नसबंदी के बाद किसी भी प्रकार की शारीरिक दुर्बलता नहीं होती, बल्कि पहले जैसा ही भारी काम कर सकते हैं। शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में नसबंदी के बाद पुरूष हितग्राहियों को तीन हजार रुपए और महिला हितग्राहियों को दो हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
कार्यशाला में नोडल अधिकारियों को जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के संबंध में दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश
11 जुलाई को मनाए जाने वाले विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज राजधानी रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। सभी जिलों के परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी तथा जिला भंडार प्रभारी कार्यशाला में शामिल हुए। कार्यशाला में महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने सभी नोडल अधिकारियों को जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।