महासमुंद। प्रयोग समाज सेवी संस्था के भारत भूषण ठाकुर ने यहां आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि प्रयोग समाजसेवी संस्था तिल्दा (रायपुर) विगत 40 वर्षों से जल-जंगल-जमीन से संबंधित समस्याओं के निदान के लिए कार्यरत है। जनपेक्षाओं की मंशा के अनुरूप धरातल पर सुदृढ़, समृद्ध त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन, जरूरतमन्दों, उपेक्षित, शोषितों के हितों से सम्बद्ध अनेकों जनवादी शासकीय व्यवस्था लागू करने निरंतर प्रयत्नशील है। छग के 21 जिलों में कार्यरत हैं।
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प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए भारत भूषण ठाकुर |
विगत वर्षों में समूचे विश्व में व्याप्त महामारी के कारण सभी देश सामाजिक आर्थिक रूप से बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मुख्य रूप से मजदूर वर्ग के परिवार जो प्रतिदिन मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। पलायन को रोकने व युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने साथ ही ग्रामीण स्तर पर लोगों को शासकीय योजनाओं के प्रति जागरूक करने के लिए भारत में कोविड-19 के प्रभाव से बनी सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधार के लिए सामुदायिक संगठनों की क्षमता विकास परियोजना का संचालन जनवरी 2022 से किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के तीन जिले धमतरी, गरियाबंद और महासमुंद में इस कार्यक्रम के लिए 2 लाख 50 हजार लोगो को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमे 351 गाँव शामिल हैं. महासमुंद जिले में बागबाहरा ब्लाक के 106 गाँव को लक्ष्य में रखा गया है।
इस परियोजनाका संचालन तीनों जिलों में कार्य कर रहे सामुदायिक संगठन, सरकारी विभाग, ग्रामीण स्तर से राज्य स्तर में व्याप्त पंचायती राज व्यवस्था, सरकारी व गैर-सरकारी कौशल प्रशिक्षण केन्द्र के सहयोग से किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत असंगठित क्षेत्रों के मजदूर तथा बेरोजगार युवा वर्ग सीमांत व छोटे किसानों, महिलाओं व महिला समूहों में अर्धकुशल श्रमिकों का कौशल विकास से सम्बंधित ट्रेनिंग कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। उनकी क्षमता अनुसार आसपास के उद्योगों में उनकी भर्ती करना रोजगार के अवसर प्रदान करना तथा जो व्यक्ति अपने उद्यमिता स्थापित कर उनके विकास के लिए कार्य करना चाहता है, उसमें उनकी मदद करना शामिल है।
आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य से संबंधित शासकीय योजनाओं (PDS, ICDS, MDM), रोजगार (MGNREGA) व् पेंशन से जोड़ना है। कृषि व कृषि से संबंधित अन्य क्षेत्र, सामाजिक सुरक्षा तथा अन्य सरकारी सुविधाओं तक पहुचने में सक्षम करना, केंद्र सरकार व् राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओ से वंचित योग्य परिवारों को (जो मुख्यतः गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं) सरकार के विभिन्न विभागों के साथ मिलकर चिन्हित करना तथा उनको अधिक से अधिक योजनाओ का लाभ दिलाना है।
ग्रामीण क्षेत्र के लोगो की जरूरतों, संसाधनों की उपलब्धता, युवाओ, महिलाओं, सीमांत व छोटे किसानों से संबंधित जरूरतों को सरकार तथा उनसे सम्बंधित विभागों को अवगत कराना तथा उनको अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है। मुख्य रूप से प्रवासी मजदूरों के हित में सामर्थ लोकनीति बनाने के लिए शासन के साथ संवाद स्थापित करना भी इस परियोजना का मुख्या उद्देश्य है। उन्होंने अगले पांच साल में 50 हजार परिवार अर्थात 2.50 लाख लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।