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केन्द्रीय गृहमंत्री का दुर्ग दौरा: पद्मश्री उषा बारले के घर जाएंगे अमित शाह, सुरक्षा के है पुख़्ता इंतजाम

भिलाई। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आगमन आज दुर्ग जिले में हो रहा है। दुर्ग में वह जहां एक बड़ी विशाल सभा को संबोधित करेंगे, वहीं उससे पूर्व सेक्टर 1 स्थित लोककलाकार पद्मश्री उषा बारले के निवास भी जायेंगे और उनके यहां लगभग 20 मिनट तक रूक कर उनके व उनके परिजनों से मुलाकात करेंगे।


अमित शाह के इस दौरे और उनकी सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन और दुर्ग रेंज के आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा व पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा सहित पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रही है। रविशंकर स्टेडियम दुर्ग से लेकर उषा बारले के निवास तक लगातार पुलिस, जिला प्रशासन के आला अधिकारी रिहर्सल कर रहे हैं। इसमें कई सुरक्षा गाडिय़ों के काफिला के साथ ही एम्बुलेंस भी दौड़ रही है। ये क्रम सुबह से कई बार दोहराया गया है। अमित शाह के आगमन को लेकर छग के कर्ई अन्य जिलों के राजपत्रित अधिकारी व टीआई की भी डयूटी लगाई गई है जिसके लिए ये अधिकारी व टीआई यहां आमद दे दिये हैं।

इनको कई निजी होटलों में ठहराया गया है। वही स्थानीय पुलिस ले लगभग सभी होटलों एवं लॉज के संचालकों को दो कमरे सुरक्षित रखने के लिए कहे हैं, ताकि बाहर से आने वाले अधिकारी व टी आई व अन्य उनके स्टाफ डयूटी के बाद यहां आराम कर सके। बम स्क्वाड दस्ता टाउनशिप के नाले व जंगलनुमा स्थानों की भी जांच कर रहे हैं। उनके सुरक्षा को लेकर 5 सौ से अधिक पुलिस तैनात कर दी गई है।

वहीं सेक्टर 1 निवासी उषा बारले के घर के रंग रोगन से लेकर झाड़ी कटाई का कार्य भी तेज गति से चल रहा है। इस संबंध में मीडिया से चर्चा करते हुए पद्मश्री उषा बारले ने कहा कि देश के केन्द्रीय गृहमंत्री एवं मेरे बड़े भाई अमित शाह के छग आगमन और मेरे निवास पर आने से मैँ बेहद खुश हूं। छग में भी काफी दिग्गज लोग है, लेकिन मैं ऐसा महसूस कर रही हूं कि मैंने अपने जीवन में कोई अच्छा पुण्य का काम की हूं जिसका फल मुझे मिलने जा रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए और भगवान कृष्ण और सुदामा का उल्लेख करते हुए कहा कि सुदामा कृष्ण के सानिध्य में आकर तर गये थे वैसे ही मेरा भी जीवन धन्य हो जायेगा। वह मेरे घर आ रहे हैं, बहुत खुशी लग रही है।

उनके लिए व्यंजन में छग की प्रसिद्ध ठेठरी, खुरमी सहित अन्य छत्तीसगढी व्यंजन बना रही हूं। उनसे भेंट कर उनका आशीर्वाद लूंगी। सम्मान करना हमारा काम है। पंडवानी जत्था आगे बढे इसके लिए वे विशेष प्रयास करें उनसे ये मांग करूंगी और बच्चे कुछ सीखे और पंडवानी का ये क्रम निरंतर जारी रहे ऐसा मेरा प्रयास होगा। क्योंकि कल हम रहें या ना रहे देश विदेश में पंडवानी की विधा जीवित रहे।


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