नई दिल्ली । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दो हजार रुपये के नोट को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के वापस लेने के फैसले को सही कदम करार दिया है। कैट ने कहा कि आरबीआई का आदेश नागरिकों को अपनी दैनिक खरीदारी में डिजिटल भुगतान (digital payment) को स्वीकारने, अपनाने और प्रोत्साहित करने की दिशा में उठाया गया सहरानीय कदम है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शनिवार को कहा कि आरबीआई के इस कदम से छोटे व्यापारियों के व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन निश्चित रूप से बड़े और संपन्न वर्ग को झटका लगेगा, जिन्होंने बड़ी मात्रा में दो हजार रुपये के नोटों का स्टॉक किया होगा।
खंडेलवाल ने कहा कि रिजर्व बैंक के इस कदम से कारोबारियों के व्यापार में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। डिजिटल लेन-देन के बढ़ने से 2000 रुपये के नोट का उपयोग कम हुआ है। ऐसे में आरबीआई ने इसे चलन से बाहर घोषित कर छोटे मूल्यवर्ग के नोटों के साथ इसे बदलने के लिए चार महीने का वक्त देकर व्यापार में सुचारू लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाया है।