G20 Summit: कश्मीर में आज से 24 मई तक जी-20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है और ऐसे में पाकिस्तान इस बैठक को लेकर तमतमाया हुआ है. इस आयोजन को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हैं. कई देशों नेता इसमें शिरकत करेंगे तो वहीं पाकिस्तान की कोशिश भारत को बदनाम करने की है. इसी के चलते पाकिस्तान सरकार ने एक पत्र के जरिए दुनिया भर में अपने सभी मिशनों से बैठक को रद्द करने को कहा है.
सीएनएन-न्यूज18 द्वारा एक्सेस किए गए पत्र में मीडिया डोमेन में संदेश के उपयोग के लिए कई “थीम” को सूचीबद्ध किया गया हैं. दुनिया के विभिन्न हिस्सों से कम से कम 60 प्रतिनिधियों और 20 पत्रकारों की अगवानी की तैयारी कर रहे आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में जी-20 पर्यटन कार्य समूह की तीसरी बैठक के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं.
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के बाद कश्मीर में यह पहली इस तरह की अंतरराष्ट्रीय बैठक हो रही है. न्यूनतम पुलिस व्यवस्था और अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जबरवान रेंज के ऊंचाई वाले इलाकों को कवर करने के लिए सेना की सेवा ली है, जहां मेहमानों के लिए बैठक स्थल और आवास की सुविधाएं हैं.
पाकिस्तान के पत्र के अनुसार, भारत की छवि को खराब करने के लिए कई विषय साझा किए गए हैं. इसमें कहा गया कि भारत को एक हिंदू फासीवादी राष्ट्र के रूप में लक्षित करें, जहां केवल हिंदू आतंकवादी और चरमपंथी सुरक्षित हैं. इसमें कहा गया कि भारत में कोई भी सुरक्षित नहीं है (अल्पसंख्यक, महिलाएं, बलात्कार, निम्न जातियां, पर्यटक, पत्रकार या भारतीय जनता पार्टी की हिंदुत्व नीतियों की आलोचना करने वाले मीडिया हाउस).
इस पत्र में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के उत्पीड़न की बात कही गई है. मदरसों पर बुलडोजर चलाने और गुजरात दंगों के दोषियों की रिहाई का भी जिक्र है. इसमें भारत में मुसलमानों पर जुल्म और हाल ही में पूर्व सांसद अतीक और उनके भाई और बेटे की हत्या, मुसलमानों की लिंचिंग की ओर भी इशारा किया गया. कहा गया कि गौरक्षक समूह मुस्लिमों की पीट-पीटकर हत्या और लव जिहाद करते हैं. दुनिया मानवाधिकारों के खिलाफ राज्य प्रायोजित कृत्यों के प्रति आंखें क्यों मूंदे हुए है?