New Parliament Inauguration : हवन और मंत्रोच्चार के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद का उद्घाटन किया। पूजन के बाद तमिलनाडु के मठों से आए अधीनम ने प्रधानमंत्री मोदी को सेंगोल सौंपा। प्रधानमंत्री ने दंडवत प्रणाम के बाद इसे संसद में स्पीकर की कुर्सी के बगल में स्थापित किया। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला उनके साथ मौजूद रहे।
सेंगोल स्थापना के बाद पीएम मोदी ने श्रमयोगियों का सम्मान किया, जो संसद के निर्माण में शामिल थे। इसके बाद सर्वधर्म सभा हुई। बता दें कि प्रार्थना सभा में केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी सुबह 7:30 बजे संसद पहुंचे और सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन कर पूजन में शामिल हुए।
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कार्यक्रम के लिए 28 मई को चुनने पर सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, “इस दिन, 28 मई 1964 को भारत में सबसे अधिक संसदीय लोकतंत्र का पोषण करने वाले प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का अंतिम संस्कार हुआ था और सावरकर, जिसकी विचारधारा ने ऐसा माहौल बनाया जो महात्मा गांधी की हत्या का कारण बना, उसका जन्म 1883 में हुआ था।”
उन्होंने आगे कहा, राष्ट्रपति, जो इस पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी हैं, उन्हें अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने नहीं दिया जा रहा है। उन्हें 2023 में नए संसद भवन के उद्घाटन की इजाज़त नहीं दी गई।
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने कहा, एक आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री, जिसे संसदीय प्रक्रियाओं से नफरत है, जो संसद में कम ही उपस्थित रहता है या कार्यवाहियों में भाग लेता है, 2023 में नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहा है।
इससे पहले पीएम मोदी ने पारंपरिक 'पूजा' और 'हवन' के बाद लोकसभा की कुर्सी के पास ऐतिहासिक 'सेंगोल' स्थापित किया और नए संसद भवन का उद्घाटन किया। कांग्रेस के अलावा, 19 अन्य विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया।