Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

चीन ने फिर नक्शे में शामिल किया अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम, भारत ने दिया करारा जवाब

Document Thumbnail

नई दिल्ली । भारत ने अरूणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का चीन द्वारा पुन: नामकरण करने को सिरे से खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि यह राज्य भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ‘मनगढंत’ नाम रखने से यह हकीकत बदल नहीं जायेगी. बागची ने कहा, ‘हमने ऐसी खबरें देखी हैं. यह पहली बार नहीं है जब चीन ने ऐसा प्रयास किया है. हम इसे सिरे से खारिज करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अरूणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा था और रहेगा. ‘गढ़े’ गए नाम रखने से यह हकीकत बदल नहीं जायेगी।


तीन भाषाओें में जारी की अरुणाचल प्रदेश के जगहों के बदले हुए नाम की लिस्ट चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे पर फिर से जोर देने के मकसद से इस भारतीय राज्य के लिए ‘‘चीनी, तिब्बती और पिनयिन’’ अक्षरों में नामों की तीसरी सूची जारी की है. चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 स्थानों के मानकीकृत नाम जारी किए, जिसे वह स्टेट काउंसिल, चीन की कैबिनेट द्वारा जारी भौगोलिक नामों पर नियमों के अनुसार ‘तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान’ बताता है.

चीनी सरकार ने 11 जगहों के नाम बदले

सरकार द्वारा संचालित ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने सोमवार को अपनी एक खबर में कहा कि मंत्रालय ने रविवार को 11 स्थानों के आधिकारिक नाम जारी किए, जिनमें दो भूमि क्षेत्रों, दो आवासीय क्षेत्रों, पांच पर्वत चोटियों और दो नदियों सहित सटीक निर्देशांक भी दिए गए हैं. इसके अलावा, स्थानों के नाम और उनके अधीनस्थ प्रशासनिक जिलों की श्रेणी सूचीबद्ध की गई है. चीनी मंत्रालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश के लिए जारी मानकीकृत भौगोलिक नामों की यह तीसरी सूची है. अरुणाचल में छह स्थानों के मानकीकृत नामों की पहली सूची 2017 में जारी की गई थी, और 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई थी.

भारत सरकार शुरू से चीन के इस कदम को खारिज करती रही है

भारत पूर्व में अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने के चीनी कदम को खारिज कर चुका है और वह (भारत) यह कहता रहा है कि राज्य (अरुणाचल प्रदेश)‘‘सदैव’’ भारत का अभिन्न अंग रहा है तथा ‘‘हमेशा’’ रहेगा और ‘गढ़े गए’ नामों से यह तथ्य नहीं बदलता. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दिसंबर 2021 में कहा था, ‘यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में इस तरह से स्थानों का नाम बदलने का प्रयास किया है.’ उन्होंने कहा था, ‘अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है, और सदा रहेगा. अरुणाचल प्रदेश में स्थानों को गढ़े गए नाम देने से यह तथ्य नहीं बदल जाता.’

 

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.