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मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना, हर पंचायत को मिलेंगे 10 हजार रुपए

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रायपुर. राज्य सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों के बाद अब गैर अनुसूचित यानी मैदानी क्षेत्रों में तीज त्यौहार, संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि’ योजना शुरू करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 अप्रैल को इस योजना का शुभारंभ करेंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के विशिष्ट आतिथ्य में बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में 13 अप्रैल को आयोजित भरोसा सम्मेलन में मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी.


मुख्यमंत्री द्वारा 20 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रारंभ की जा रही एक और योजना का उद्देश्य प्रदेश के गैर-अनुसूचित ग्रामीण क्षेत्रों के तीज-त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करना और इन त्यौहारों, उत्सवों का मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखन करना है. सामुदायिक क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय उत्सवों, त्यौहारों, मेला-मड़ई का विशेष महत्व रहता है. ऐसे सभी उत्सवों, त्यौहारों, सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध करायी जाएगी. योजना की ईकाई ग्राम पंचायत होगी.

प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किस्तों में 10 हजार रुपए दिए जाएंगे. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 61 विकासखंड सामुदायिक क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं. यह राशि केवल सामुदायिक विकासखण्ड क्षेत्र के 6 हजार 111 ग्राम पंचायतों को दी जाएगी.

योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति का गठन किया जाएगा. इसमें सरपंच (अध्यक्ष), पुजारी, बैगा सदस्य, ग्राम के 02 बुजुर्ग सदस्य, ग्राम की दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार, पटेल सदस्य एवं ग्राम सचिव को शामिल किया गया है.

अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने संबंधित जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देशित किया है कि योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति के सदस्यों को मार्गदर्शन जनपद पंचायत स्तर से दिया जाए, जिससे राशि का समुचित उपयोग किया जा सके. गांव के किस-किस तीज त्यौहार के लिए इस राशि का उपयोग किया जाएगा, इसका निर्धारण ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति द्वारा किया जाएगा. इस योजना के क्रियान्वयन की निगरानी, समन्वय संबंधी कार्य जनपद स्तरीय शासी निकाय द्वारा किया जाएगा.

जिला कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से कहा गया है कि इस योजना का विस्तृत प्रचार-प्रसार करते हुए सर्व संबंधितों की जानकारी में लाया जाए ताकि योजना का लाभ प्रदेश के समस्त सामुदायिक विकासखण्डों के ग्रामीण समाज को प्राप्त हो सके.

 

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